देश की 33 करोड़ आबादी सूखे से प्रभावित है: केंद्र

sukhaसुप्रीम कोर्ट में सूखा मामले की सुनवाई के दौरानकेंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि देश में करीब 25 फीसदी आबादी सूखा प्रभावित है और इस तरह यह आंकड़ा 33 करोड़ बैठता है। वहीं, देश भर में 256 जिले सूखे से प्रभावित हैं। इस मामले पर केंद्र सरकार को घेरने के बाद कोर्ट ने एक और मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार के हलफनामे पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार को भी फटकार लगाई।

केंद्र सरकार को घेरा
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया कि इस साल अब तक 19 हजार 500 करोड़ रुपये रिलीज किए जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि वह बताए कि सूखा प्रभावित इलाके में मनरेगा के तहत 150 दिन से ज्यादा कितने लोगों को रोजगार मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार फंड रिलीज करने के बाद अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। जिम्मेदारी यहीं खत्म नहीं होती। आप समय-समय पर लोगों के बीच अडवाइजरी जारी करें और बताएं कि अमुक हिस्से में सूखा पड़ने वाला है।

अगर किसी इलाके में 95 फीसदी फसल बोई गई हो तो वहां पहले पता चलना चाहिए कि इलाके में सूखा पड़ने वाला है या नहीं। सरकार को अडवाइजरी अगस्त से ही शुरू करनी चाहिए और यह दिसंबर, जनवरी और फरवरी तक चलनी चाहिए। केंद्र को राज्य को बताना होगा कि हमें सैटलाइट के माध्यम से जानकारी मिली है कि राज्य में बरसात कम होगी। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य कह रहा है कि उसके पास सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था है, लेकिन केंद्र को पता चलता है कि वहां बारिश कम होगी तो आपको यह बात हरियाणा को बतानी पड़ेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि उसने 12 हजार 230 करोड़ रुपये जारी किए और हाल में 7321 करोड़ रुपये और दिए, तो इस तरह से कुल 19 हजार 557 करोड़ रुपये जारी हुए। लेकिन इस साल का हिस्सा तो 7321 करोड़ ही है क्योंकि बाकी रकम तो पिछले साल की बकाया है। इस पर केंद्र ने कहा कि वह जल्दी ही और रकम जारी करेगी।

चीजों को हल्के में न ले गुजरात सरकार: कोर्ट
मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार कोर्ट में उचित तरीके से आंकड़ा पेश नहीं कर पाई, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार के डेटा में बारिश का डेटा नहीं है। गुजरात में ऐसा क्या खास है, हम आपको अलग से अनोखे राज्य की तरह ट्रीट नहीं कर सकते। अदालत ने कहा कि गुजरात सरकार चीजों को हल्के में न ले।
अदालत ने गुरुवार तक गुजरात सरकार को मामले में हलफनामा पेश करने को कहा है। अदालत ने गुजरात सरकार के हलफनामे पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपने कोर्ट के सामने 35 पेज का हलफनामा दिया और याचिकाकर्ता को दी गई कॉपी 58 पेज की है। अदालत ने कहा कि जो हम बता रहे हैं वह आप सुनने को तैयार नहीं हैं। कोर्ट ने हलफनामा पेश करने के लिए गुरुवार तक का समय दिया।

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