दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी, जिसका नाम सुनते ही छूट जाते हैं सबके पसीने..
दुनिया के तमाम देश फिर चाहे वो अमेरिका हो या फिर भारत, सभी गुप्त रूप से ख़ुफ़िया एजेंसी चलाते हैं जिसका काम देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है साथ ही देश के खिलाफ काम कर रहे लोगों का सफाया भी यही एजेंसियां करती हैं।
आपने ‘रॉ’ का नाम तो सुना ही होगा। दरअसल रॉ भारत की खुफिया एजेंसी है। इसी तरह ‘आईएसआई’ पकिस्तान की खुफिया एजेंसी है। लेकिन क्या आप जानते है कि दुनिया कि सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी कौन सी है, अगर नहीं जानते तो आज यह खबर पढ़ने के बाद जान जाएंगे।
मोसाद का नाम शायद आपने पहले कभी नहीं सुना होगा क्योंकि यह भी एक खुफिया एजेंसी है। आपको बता दें मोसाद इजराइल की खुफिया एजेंसी है जो ठीक उसी तरह से काम करती है जिस तरह से भारत में ‘रॉ’ और पकिस्तान में ‘आईएसआई’ काम करती है, लेकिन मोसाद को दुनिया दुनिया की सबसे ताकतवर एजेंसी माना जाता है और दुनिया के कई शक्तिशाली देश इसकी मदद लेते हैं।
बता दिन कि मोसाद को ना सिर्फ ताकत के मामले में सबसे आगे रखा जाता है बल्कि क्रूरता के मामले में भी मोसाद का कोई मुकाबला नहीं है। दरअसल मोसाद का मतलब होता है मौत।
अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितनी खतरनाक होगी। मोसाद में 1500 से लेकर 2000 तक कर्मचारी हैं जिनमें से करीब 500 अधिकारी स्तर के हैं।
मोसाद में जो कर्मचारी काम करते हैं उनकी लम्बी और कड़ी प्रक्रिया के बाद एजेंसी में भर्ती मिलती हैदरअसल मोसाद का मतलब होता है मौत। अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितनी खतरनाक होगी।
बता दें कि मोसाद के कर्मचारियों को विपरीत परिस्थियों में काम करने के लिए तैयार किया जाता है और ये किसी भी स्थिति का मुकाबला करने में सक्षम होते हैं।
इजराइल का इतिहास 63 साल पुराना है। दरअसल मोसाद की स्थापना इजराइल की स्थापना के तुरंत बाद वहां के तत्कालीन प्रथम प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियन के समय में की गयी थी।
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बता दें कि मोसाद का गठन 4 यहूदी उग्रवादी संगठनों (हगानाह, इरगुन, लेही, पालमच) को एक करके किया गया था। इन्हीं संगठनों में से जो समर्थ सैनिक थे उन्हीं को लेकर मोसाद की स्थापना की गई थी।
मोसाद का काम इजराइल को आजाद करवाना था और ये काम उसने बखूबी किया था।
यह बात आपको थोड़ी फ़िल्मी जरूर लग सकती है लेकिन मोसाद अपने दुश्मनों को क्रूरता से चुन-चुन कर मारने के लिए मशहूर है।
दुश्मन फिर चाहे किसी भी देश में बैठा हो वो मोसाद से नहीं बच पाएगा फिर चाहे कितना भी समय लग जाए लेकिन मोसाद दुश्मनों पर किसी भी हाल में रहम नहीं करती है और उन्हें मौत के घाट उतार देती है।