युवाओं में दिल के दौरे का खतरा कम होने वाला नहीं : विशेषज्ञ

नई दिल्ली। धूम्रपान की लत, कामकाज और विभिन्न कारणों से होने वाले तनाव, अस्वास्थ्यकर आहार, अपर्याप्त शारीरिक श्रम व अधिक नमक एवं पैकेट वाले खाद्य पदार्थो के सेवन के कारण युवाओं में मुख्य तौर पर दिल के दौरे का जोखिम बढ़ रहा है। वहीं चिकित्सकों ने भी चेताया है कि जब तक कि कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता तब तक युवाओं में दिल के दौरे का खतरा कम होने वाला नहीं है ।

दिल के दौरे का खतरा

नई दिल्ली स्थित कालरा हास्पीटल एंड श्री राम कार्डियो-थोरेसिक न्यूरोसाइंसेस सेंटर (एसआरसीएनसी) के मेडिकल निदेशक एवं सीईओ डॉ. आर. एन. कालरा का कहना है कि युवाओं में दिल के दौरे का खतरा तब नहीं घटने वाला है जब तक कि कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा। आज की समस्या यह है कि हम बहुत ही स्थूल जीवनशैली को अपना रहे हैं और ऐसी जीवनशैली में बहुत अधिक शारीरिक श्रम की गुंजाइश नहीं है।

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उन्होंने कहा, “आज युवा मानसिक तथा शारीरिक तौर पर बहुत ही अधिक दबाव में है। इस समस्या का मुख्य समाधान यह है कि हम अपनी जीवनशैली में व्यापक बदलाव लाएं और अगर ऐसा करते हैं तो इससे समय से पूर्व होने वाले दिल के दौरे को रोका जा सकता है।”

एक अध्ययन के अनुसार, अस्पताल में भर्ती होने वाले करीब 30 प्रतिशत मरीज 40 साल से कम उम्र के होते हैं। साथ ही वे युवक, जो दिन भर में 10 सिगरेट पीते हैं उनके दिल की समस्याएं होने की आशंका 50 फीसदी बढ़ जाती है। धूम्रपान एवं गलत-खानपान से कॉलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है जिससे दिल की धड़कन 50 प्रतिशत बढ़ जाती है और रक्तचाप 30 प्रतिशत बढ़ जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार कार्डियो वैस्कुलर रोगों से हर साल दुनिया भर में 17 लाख 70 हजार लोगों की मौत होती है।

डॉ. कालरा कहते हैं, “युवा हमारे देश के स्तंभ हैं और युवाओं के स्वास्थ्य संबंधी मसलों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सभी बीमारियों में से कार्डियो वैस्कुलर रोग समेत गैर संचारी रोग उनके लिए सबसे बड़े खतरे हैं। आधुनिक जीवनशैली इसके लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है। दिल के दौरे का कारण बनने वाली जीवनशैली से जुड़ी अन्य आदतों में व्यायाम नहीं करने की आदत और जंक फुड का अधिक सेवन शामिल है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा आज के समय में युवा अपना वक्त स्मार्टफोन, टैब, कम्प्यूटर, लैपटॉप आदि के जरिए व्यतीत करते हैं जो हमारे दिल के लिए बहुत अधिक नुकसानदायक है।

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डॉ. कालरा ने कहा, “हमारे देश में कार्डियोवैस्कुलर रोग मौत के प्रमुख कारणों में से एक बन गए हैं। मेरे पास ऐसे कई मरीज इलाज के लिए आए हैं जो अपनी जीवनशैली के कारण कार्डियोवैस्कुलर रोग से ग्रस्त हो गए। इसके अलावा हम अपने दैनिक जीवन में काफी अधिक तनाव का सामना करते हैं और इसके कारण भी हमारा दिल खतरे में घिरा हुआ है।

उन्होंने कहा कि ऐसे में यह जरूरी है कि धूम्रपान, शराब सेवन और जंक फुड आदि से दूर रहें तथा शारीरिक श्रम करें। हम चाहते हैं कि लोग फिट रहने, अच्छा खान पान तथा तनाव रहित जीवन जीने के महत्व को समझें ताकि वे लंबे समय तक दिल की बीमारियों से बचे रह सकें।

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