दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए नई योजना बनाई है।इस योजना को बजट में पेश किया है। जिससे महिलाऐं बेरोजगार ना रहे। काम करने वाली महिलाओं के कौशल विकास के लिए आंगनबाड़ी हब बनाया जाएगा। इनमें महिलाओं को स्वयं सेवा सहायता समूह बनाकर उन्हें पहले काम सिखाया जाएगा। यहां से सीखकर महिलाओं को उनके ज्ञान के हिसाब से रोजगार मिलेगा। इस योजना का नाम सहेली समन्वय केंद्र नाम रखा गया है।

बजट का प्रस्ताव रखते हुए सरकार ने कहा कि कोविड और लॉकडाउन से लोगों के रोजगार पर कॉफी असर पड़ा है। काम-धंधे बंद हुए हैं और लोगों की नौकरियां भी चली गई है। इसे देखते हुए सामाजिक कल्याण व सुरक्षा को देखते हुए बजट में प्रावधान किया गया है, जिससे लोगों को सहायता मिल सके।
सरकार के कहा कि कोरोना काल में दिल्ली की महिलाओं में भी बेरोजगारी बढ़ी है। उन्हें सशक्त करने और दिल्ली की अर्थव्यवस्था भी भागीदार बनाने के लिए यह नई योजना को लागू किया गया हैं। इसके तहत दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर 500 आंगनबाड़ी हब बनाया जाएंगा।
इन केंद्रों में आसपास की रहने वाली महिलाओं को छोटी आर्थिक गतिविधियों को संचालित करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वयं सेवा सहायता समूह बनाकर इस कार्य को संचालित किया जाएगा। इससे महिलाओं का कौशल विकास होगा और वह आर्थिक रूप से मजबूत रहेंगी। लॉकडाउन लोगों के रोजगार पर क्या असर डाला इसको जानने के लिए दिल्ली सरकार ने सर्वे कराया था।
इससे जानकारी मिली कि कोरोना से पहले काम करने वाली महिलाओं के बीच बेरोजगारी 26 फीसदी थी, जो अब 40 प्रतिशत है। इससे सरकार ने अनुमान लगाया कि दिल्ली में 40 फीसदी महिलाओं को कोई काम नहीं मिल रहा है। इस समस्या का समाधान सरकार ने सहेली समन्वय केंद्र योजना बनाकर निकाला और महिलाओँ के लिए अच्छा काम किया।