दादी-नानी के नुस्‍खे : बरसात में ऐसे रखें आंखों का ख्‍याल

दादी-नानी के नुस्‍खे

आंखें ईश्‍वर के द्वारा दिया गया अनमोल उपहार है। आज हम दादी-नानी के नुस्‍खे में बरसात के दिनों में आंखों सुरक्षा के बारे में जानेंगे। कि हम कैसे अपनी आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं। बरसात में एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस सबसे ज्‍यादा होने वाली बिमारी है। इसका सबसे प्रमुख लक्षण आंखों में खुजली होना तथा बाद में आंखों के अंदर के सफेद भाग का लाल हो जाना है जिसके कारण आंखों में आंसू आते रहते हैं। जब स्थिति खराब हो जाती है तब कुछ लोगों की आंखों से मवाद निकलता है तथा पलकों में सूजन भी आ जाती है।

क्या हैं घरेलू उपचार : घरेलू उपचारों में एक साफ कपड़े को ठंडे पानी में भिगोंए तथा इसे आंखों पर लगाएं। इससे एलर्जी के कारण आंखों में होने वाली जलन कम होगी।

कंजंक्टिवाइटिस की उपलब्ध दवाईयां : एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस के उपचार के लिए कई दवाईयां उपलब्ध हैं। ‘एंटीहिस्टिमनिक’ और ‘डिकन्जस्टेंट’ ड्रॉप्स आंखों की जलन और लालिमा से राहत दिलाते हैं। इसके अलावा इसे बार-बार आने से रोकने के लिए ‘मैस्ट सेल स्टेब्लाइजर्स’ का उपयोग किया जा सकता है। हालंकि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका उपयोग डॉक्टर या विशेषज्ञों की सलाह पर ही करना चाहिए क्योंकि गलत दवाईयां लेने से स्थाई तौर पर अंधापन आ सकता है।

इससे बचाव के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि एलर्जी उत्पन्न करने वाले कारक बाहर से घर के अंदर न आ सकें।

 दादी-नानी के नुस्‍खे : इन कामों से आंखे रहेंगी स्‍वस्‍थ

रातें में सोने से पहले पैर के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश अवश्य करे। सुबह के समय नंगे पैर हरी घास पर चलें व नियमित रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें। इस से आंखों की कमजोरी दूर हो जाएगी।

एक चने के दाने जितनी फिटकरी को सेंककर सौ ग्राम गुलाबजल में डालें और रोजाना रात को सोते समय इस गुलाबजल की चार-पांच बूंद आंखों में डाले तथा साथ में पैर के तलवों पर घी की मालिश करें इससे चश्में के नंबर में कमी आएगी।

रोजाना आंवले के पानी से आंखें धोने से या गुलाबजल डालने से आंखें हमेशा स्वस्थ रहती है।

बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ व मिश्री तीनों को समान मात्रा में मिला लें। रोज इस मिश्रण को एक चम्मच समान मात्रा में एक गिलास दूध के साथ रात को सोने से पहले लें। बेलपत्र का 20 से 50 मि.ली. रस पीने और 3 से 5 बूंद आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी नामक रोग में आराम होता है।

आंखों के हर प्रकार के रोग जैसे पानी गिरना, आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आदि होने पर रात को आठ से दस बादाम भिगोकर रखे और सुबह पीस कर पानी में मिलाकर पी जाएं।

कान के पीछे कनपटी पर गाय के घी की हल्के हाथ से रोजाना कुछ देर मसाज  करने से भि आंखों की रोशनी बढ़ती है। रात्रि में सोते समय अरण्डी का तेल या शहद आंखों में डालने से आंखों की सफेदी बढ़ती है जिस से और खुल के दिखता है।

नींबू एवं गुलाबजल का समान मात्रा में मिश्रण एक-एक घण्टे के अंतर से आंखों में डालने से आखों को ठंडक मिलती है जिस से आँखों को बहुत आराम मिलेगा। त्रिफला चूर्ण  को रात्रि में पानी में भीगोकर रखे और सुबह छानकर उस पानी से आंखें धोने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।

LIVE TV