दक्षिण चीन सागर मामले में चीन-जापान आमने-सामने

दक्षिण चीन सागरबीजिंग। चीन ने रविवार को जापान से कहा कि वह दक्षिण चीन सागर मामले में दखल नहीं दे क्योंकि वह इस विवाद में सीधे संलिप्त नहीं है। जापान के विदेश मंत्री फुमियो किशिदा ने कहा था कि यदि उन्हें आसियान एवं अन्य एशियाई देशों के साथ बैठकों के दौरान अपने चीनी समकक्ष से मिलने का मौका मिला तो वह इस मुद्दे के बारे में बात करेंगे।

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चीन पर आरोप लगाने का कोई हक नहीं

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने जोर देते हुए कहा कि दक्षिण चीन सागर पर अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता शुरू से लेकर अंत तक अवैध एवं अमान्य थी। चीन का इस निर्णय को खारिज करना वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय कानून और समुद्र पर संयुक्त राष्ट्र के कानून के तहत है।

उन्होंने कहा, “दक्षिण चीन सागर मुद्दे में जापान सीधे पक्षकार नहीं है और उसके शर्मनाक इतिहास को देखते हुए उसे इस मामले में चीन पर आरोप लगाने का कोई हक नहीं है।”
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दक्षिण चीन सागर विवाद में द्वीप और समुद्री क्षेत्र पर ब्रुनेई, चीन, ताईवान, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम का दावा है। अमेरिका सहित जो देश दावेदार नहीं हैं, वे चाहते हैं कि दक्षिण चीन सागर अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र बना रहे। अमेरिका ‘नौपरिवहन की आजादी’ अभियान चला रहा है।

 

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