दो साल के उच्च स्तर पर पहुंचा वार्षिक थोक मुद्रास्फीति सूचकांक

quarterly-financial-resultsनई दिल्ली 17 महीनों तक लगातार जारी गिरावट के बाद एक बार फिर तेजी आई है। भारत का सालाना थोक मुद्रास्फीति सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) अगस्त में 3.74 फीसदी रहा जो कि एक महीने पहले 3.55 फीसदी रहा। यह दर सालाना आधार पर दो सालों में सबसे ऊंची है। आधिकारिक आंकड़ों से बुधवार को यह जानकारी मिली।

पूर्व आंकड़ों से मिली बढ़त  

इससे पहले चालू वित्त वर्ष के अगस्त में इसमें कुल मिलाकर 4.45 फीसदी की तेजी देखी गई। यह साल 2015 की समान अवधि की तुलना में 0.23 फीसदी अधिक है।

पिछले महीने खाद्य पदार्थो की मुद्रास्फीति में सालाना आधार पर 8.23 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। हालांकि तिमाही आधार पर यह जुलाई के 11.82 फीसदी से कम रही।

वहीं, समीक्षाधीन अवधि में कुछ कमोडिटी में मुद्रास्फीति की दर काफी तेज रही। आलू (66.72 फीसदी), दालें (34.55 फीसदी) और फलों (13.91 फीसदी) में काफी महंगाई देखी गई। वहीं, प्याज की कीमतों में इस साल अगस्त में 64.19 फीसदी की गिरावट आई, जबकि पिछले साल अगस्त महीने में इसकी कीमत अधिक थी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्मित उत्पाद और ईंधन की महंगाई दर काबू में रही और यह क्रमश: 2.42 फीसदी और 1.62 फीसदी रही। विनिर्मित खाद्य पदार्थो के उपवर्ग जिसमें चीनी और खाद्य तेल शामिल हैं, में 11.35 वृद्धि की महंगाई देखी गई।

यह मुख्य रूप से चीनी की कीमतों में आए उछाल के कारण हुआ जिसमें अगस्त में 35.36 फीसदी तेजी आई, जबकि खाद्य तेलों की कीमतों में अगस्त में 5.56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीं, ईंधन मुद्रास्फीति पिछले महीने काबू में रही। इसका मुख्य कारण पेट्रोल और एलपीजी की कीमतों में आई कमी रही। हालांकि डीजल की कीमतों में लगातार तेजी देखी गई और हाई स्पीड डीजल की कीमत में इस दौरान 12.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इससे पहले केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों में वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति में 100 आधार अंकों की कमी दर्ज की गई और यह अगस्त में 5.05 फीसदी रही थी।

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