अपनाएं आयुर्वेद का ये अचूक नुस्खा, जड़ से खत्म होगा थायराइड
थायराइड गले की ग्रंथि होती है, जिससे थय्रोक्सिन हार्मोन बनता है। इस हार्मोन का संतुलन जब बिगड़ने लगता है, तब ये एक गंभीर रोग की शक्ल ले लेता है। ये हार्मोंस जब कम होता है तो शरीर का मेटाबॉलिज्म काफी तेज होने लगता है और शरीर की ऊर्जा जल्दी कम होने लगती है। जब ये हार्मोंस अधिक हो जाए तो मेटाबॉलिज्म रेट काफी धीरे होने लगता है, जिस वजह से शरीर में ऊर्जा कम बनती है और सुस्ती, थकान बढ़ने लगती है। ये रोग महिलाओं में अधिक होता है।
खाने में लजीज होने के साथ-साथ आपको हष्ट-पुष्ट रखता है मशरूम
थायराइड दो तरह का होता है – हाइपरथायराइड और हाइपरथायराइड होने पर शरीर में थायराइड हार्मोंस कम होने लगते है और हाइपोथायराइड में हार्मोंस बढ़ने लगते है।
इसके उपचार के लिए लोग कई प्रकार की दवा का सेवन भी करते है। लेकिन यदि आप थायराइड जड़ से खत्म करना चाहते है तो आयुर्वेद में इसका सटीक उपाए उपलब्ध है।
हाइपर थायराइड के लक्षण–
वजन कम होना, हार्ट बीट तेज होना, पसीना ज्यादा आना, हाथ और पैरों में कपकपी होना आदि हैं।
हाइपो थायराइड के लक्षण-
वजन बढ़ना, क़ब्ज़ रहना, भूख कम लगना, स्किन रूखी होना, ठंड जादा लगना, आवाज़ में भारीपन आना, आँखो और चेहरे पर सूजन, सिर, गर्दन और जोड़ों में दर्द होना
थायराइड होने का कारण-
अधिक तनाव लेने से भी थायराइड ग्रंथि पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
भोजन में आयोडीन कम या ज्यादा प्रयोग करने से भी थाइरोइड की समस्या हो जाती है।
परिवार में अगर किसी को थाइरोइड हो तो दूसरे सदस्यों को भी थाइरोइड होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रेगनेंसी के समय शरीर में हारमोन में बदलाव आते है, गर्भवती महिला को थाइरोइड होने की संभावना अधिक होती है।
प्रोटीन पाउडर, सप्लीमेंट्स या कैप्सूल के रूप में सोया के प्रोडक्ट्स के अधिक सेवन से थायराइड होने की संभावना बढ़ती है।
प्रदूषण का बुरा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है जिस वजह से साँस के रोग हो जाते है। प्रदूषण से हवा में मौजूद जहरीले कण थाइरोइड ग्रंथि को भी नुकसान करते है।
आयुर्वेद में थाइरोइड का इलाज
हल्दी दूध: थायराइड कण्ट्रोल करने के लिए आप रोजाना दूध में हल्दी को पका कर पिए। अगर हल्दी वाला दूध न पिया जाये तो हल्दी को भून कर इसका सेवन करे।
तुलसी और एलोवेरा: दो चम्मच तुलसी के रास में आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिला कर सेवन करना भी इस बीमारी से छुटकारा पाने का उत्तम उपाय है।
लाल प्याज: प्याज को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले और रात को सोने से पहले थायराइड ग्रंथि के आस पास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज का रस को धोये नहीं।
हरा धनिया: थायराइड का घरेलू ट्रीटमेंट करने के लिए हरा धनिया पीस कर चटनी बनाये और एक गिलास पानी में एक 1 चम्मच चटनी घोल कर पिए। इस उपाय को जब भी करे ताजी चटनी बना कर ही सेवन करे। ऐसा धनिया ले जिसकी सुगंध अच्छी हो। इस देसी नुस्खे को नियमित रूप और सही तरीके से करने पर थायराइड कंट्रोल में रहेगा।
लौकी का जूस: रोजाना सुबह खली पेट लौकी का जूस पिने से भी थाइरोइड खत्म करने में मदद मिलती है। जूस पिने के आधे घंटे तक कुछ खाये पिए नहीं।
बादाम और अखरोट: बादाम और अखरोट में सेलीनीयम तत्व मौजूद होता है जो थायराइड के इलाज में फायदा करता है। इस के सेवन से गले की सूजन से भी आराम मिलता है। हाइपोथायराइड में ये उपाय जादा फायदा करता है।
अश्वगंधा: रात को सोते वक़्त एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गाय के गुनगुने दूध के साथ सेवन करे।
लम्बाई बढ़ाने के लिए ये है आयुर्वेद का अचूक नुस्खा, हर उम्र में होगा कारगर
काली मिर्च: काली मिर्च थायराइड का उपचार में काफी फयदेमंद है। किसी भी तरीके से ले आप काली मिर्च का सेवन करे आप को फायदा करेगी।
निम्बू की पत्तियों का सेवन थायराइड को नियमित करता है, इसका सेवन करने से थाइरोक्सिन के अत्यधिक मात्रा में बनने पर रोक लगती है और इसकी पत्तियों की चाय भी बनाकर पी जाती है।