त्रिपुरा में निकाली गईं युद्ध विरोधी रैलियां

अगरतला। द्वितीय विश्वयुद्ध के विरोध में और विश्व शांति के समर्थन पूरे त्रिपुरा में बुधवार को रैलियां निकाली गईं, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के हजारों लोग शामिल हुए। मुख्य युद्ध विरोधी रैली अगरतला में निकाली गई, जिसमें युद्ध विरोधी नारे वाली तख्तियां हाथ में लेकर हजारों की संख्या में राजनेता, पेशेवर, कलाकार, गायक, शिक्षाविद, पत्रकार, विद्यार्थी, सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता राज्य की राजधानी की गलियों से गुजरे।

युद्ध विरोधी

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने रैली का नेतृत्व किया, जिसमें दिव्यांग लोगों ने भी भाग लिया।

युद्ध विरोधी रैली आयोजन समिति के एक संयोजक और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लोकसभा सदस्य शंकर प्रसाद दत्ता ने कहा, “द्वितीय विश्वयुद्ध (1939-1045) के दौरान करीब पांच करोड़ लोग मारे गए थे और बड़े पैमाने पर संपत्ति की क्षति हुई थी। सामान्यत: हम एक सितम्बर को युद्ध विरोधी रैली का आयोजन करते हैं, लेकिन अनेक कारणों से इस बार आज (बुधवार) रैली निकाली गई है।”

उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने जापानी शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए थे, जिससे जान-माल की भयानक क्षति हुई थी।

दत्ता ने कहा, “परमाणु बमों के गिराए जाने और उसके तात्कालिक प्रभावों से करीब दो लाख लोग मारे गए थे।”

रैली में भाग लेने वालों में युवा, महिलाएं और बूढ़े भी शामिल थे, जिन्होंने युद्ध विरोधी गीत गाए। इस अवसर पर युद्ध के प्रभावों पर प्रकाश डालने वाले 14 चित्र भी प्रदर्शित किए गए।

इसी तरह की युद्ध विरोधी रैलियां बुधवार को त्रिपुरा के अनुमंडलीय और जिला मुख्यालयों में भी निकाली गईं।

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