डिफेंस में विदेशी निवेश पर केंद्र की हुई जमकर खिंचाई, विपक्षी आलोचना के बाद अपनाया ‘Plan-B’

नई दिल्ली। ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत देश में प्रोडक्शन बढ़ने के साथ सरकार ने डिफेंस सेक्टर में विदेशी निवेश के इजाफे की उम्मीद जताई थी। लेकिन असल में कहानी कुछ उल्टी हो गई। हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों ने मोदी सरकार की खूब किरकिरी की।

दरअसल मार्च में एक सवाल के जवाब में सरकार ने लोकसभा में बताया था कि अप्रैल, 2014 के बाद से अब तक डिफेंस सेक्टर में 1.16 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है। इस पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया।

विपक्षी दबाव को देखते हुए सरकार ने अपनी नीति में कुछ बदलाव किए हैं, जिनका असर भी देखने को मिला है।

खबरों के मुताबिक़ विपक्षी आलोचना झेलने के बाद सरकार ने नीतियों में बदलाव कर दोबारा आकड़ों को पेश किया, जिसमें 437 करोड़ विदेशी निवेश होने का दावा किया गया।

केन्द्रीय राज्यमंत्री ने मार्च में पेश किए गए आंकड़ों और अब आंकड़ों में आयी तेजी पर सफाई पेश करते हुए बताया कि पहले जो आंकड़े लोकसभा में पेश किए गए थे, वह डिफेंस सेक्टर में थ्री नेशनल इंडस्ट्रियल क्लाशिफिकेशन (NIC)कोड्स के आधार पर दिए गए थे। ये कोड्स डिफेंस सेक्टर में पॉलिसी लागू करने और अहम बिजनेस एक्टिविटीज के लागू करने में काफी अहम माने जाते हैं।

सुभाष भामरे ने राज्यसभा में जानकारी दी कि डिफेंस और एअरोस्पेस सेक्टर में एनआईसी कोड्स से अन्य ऑटोमैटिक रूट से करीब 237.44 करोड़ का विदेशी निवेश आया है।

बता दें कि सरकार ने डिफेंस सेक्टर में 49% एफडीआई को मंजूरी दी हुई हैं। इसके तहत विदेशी कंपनियां ऑटोमैटिक रुट से बिना किसी परमिशन के निवेश कर सकती हैं। इसी ऑटोमैटिक रुट से डिफेंस सेक्टर में विदेशी निवेश में तेजी देखी जा रही है।

माना जा रहा है कि देश की डिफेंस प्रोडक्शन पॉलिसी में अभी भी क्लियैरिटी की कमी है, जिसके चलते विदेशी निवेश सरकार की उम्मीदों के मुताबिक नहीं आ पर रहा है।

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बता दें सरकार द्वारा जोर-शोर से शुरु की गई इस योजना में इतनी कम मात्रा में विदेशी निवेश मिलने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा था।

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वहीं इसी हफ्ते राज्यसभा में सरकार से डिफेंस सेक्टर में आए कम विदेशी निवेश पर सवाल किया गया तो इसके जवाब में केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने जवाब देते हुए बताया कि सरकार ने अपनी नीति में कुछ बदलाव किए हैं, जिसके बाद डिफेंस सेक्टर में विदेशी निवेश बढ़कर 437 करोड़ रुपए हो गया है।

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