और अब पैदा होंगे… डिजाइनर बेबी…

डिजाइनर बेबीन्यूयॉर्क। अमेरिका दुनिया के इतिहास में पहला ऐसा देश बन गया है, जहां डिजाइनर बेबी पैदा करने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। यहां के वैज्ञनिक गर्भ में मौजूद बच्‍चों के डीएनए में बदलाव कर रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई देशों के वैज्ञानिकों ने इस तरह का चमत्कार करने की कोशिश की थी। लेकिन सालों की रिसर्च के बाद अमेरिकी ऐसा करने में सफल हो गए है।

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बता दें कि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मानव भ्रूण के जींस में बदलाव किया है। वैज्ञानिकों ने एक आनुवंशिक दिल की बीमारी को खत्‍म करने के लिए मानवीय भ्रूणों के डीएनए को सफलतापूर्वक संपादित भी किया है।

हालांकि ऐसा कर पाने में वैज्ञानिकों को कई साल लग गए, लेकिन इस प्रयोग की सफलता के बाद इसे एक बड़ी उपलब्धी के तौर पर देखा जा रहा है।

एक वैज्ञनिक ने अपना नाम न उजागर करने की शर्त पे बताया कि भ्रूण को केवल कुछ दिनों तक बढ़ने की इजाजत थी और गर्भावस्था पैदा करने के लिए उसे प्रत्यारोपण करने का कोई इरादा नहीं था।

वैज्ञनिक ने कहा कि वो विज्ञान के साथ आगे बढ़ना जारी रखेंगे, भ्रूण में अनुवांशिक रोगजन्य जीन को सही करने के अंतिम लक्ष्य के साथ, जो बच्चों में विकसित होते हैं।

वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ऐसे प्रयोग समाज के लिए बेहद खतरनाक हो सकते है। क्योंकि भ्रूण के डीएनए में छेड़छाड़ डिजाइनर बच्चों की तरफ बढ़ने का दरवाजा खोलने की ओर की राह है। अगर ऐसा मुमकिन हो जाता है, तो बच्‍चों के डीएनए में माता-पिता मनचाहा बदलाव करा सकते हैं और यह सही नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले ब्रिटेन में वैज्ञानिकों को मानव जीवन के शुरुआती लम्हों को ज़्यादा बारीकी से समझने के लिए जींस में संशोधन करने की इजाज़त मिली थी। इसके अलावा साल 2015 में चीनी वैज्ञानिकों ने भी खून में गड़बड़ी करने वाले जींस को सही करने के लिए मानव भ्रूण के जींस में संशोधन करने का दावा किया था।

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