डाटा चोरी : 4,783 करोड़ का भुगतान करेगा फेसबुक

  • गौरव कुमार
    फेसबुक पर हुए पर्सनल यानी बायोमीट्रिक डाटा चोरी मामले में अपने सर्वर पर स्टोर करने के लिए फेसबुक 4,783 करोड़ का रूपये का मुआवजा देगा। फेसबुक कंपनी ने फेशियल रिकग्निशन यानी चेहरा को पहचानने का उपाय और डाटा के आधार पर फोटो टैग करने का भी उपाय दिया था।

निजता का उल्लंघन मानकर दिसंबर तक फेसबुक चलाने वाले 15,71,608 लोगों ने मुकदमा दर्ज किया था। लोगों कि शिकायतें सुनकर और अपनी गलती स्वीकार करके नतीजा मुआवजा तक पहुंचा। इस फैसले कि सुनवाई सैनफ्रांसिस्को की संघीय अदालत के जज ने शुक्रवार को किया।
फेसबुक को इस मामले में इलेनॉयस के बायोमीट्रिक इन्फॉर्मेशन प्राइवेसी एक्ट के उल्लंघन का दोषी करारा दिया गया। फेसबुक यूजर्स के पक्ष यह फैसला गया जिससे यूजर्स की बड़ी जीत है।हर यूजर्स को करीब 345 डॉलर यानी लगभग 25,390 रूपये मुआवजा मिलेंगें। साल 2015 से फेसबुक के खिलाफ ये मुकदमा शुरू हुआ था । धीरे-धीरे यह मुकदमा और बढ़ने लगा। 2020 तक फेसबुक 4,047 करोड़ डॉलर चुकाने को राजी हो चुका था, लेकिन जज के हस्तक्षेप के बाद राशि बढाई गई।

अब नहीं होगा चेहरा पहचानने का विकल्प

फेसबुक अपने नये बदलाव अब संतुस्ट है। इन बदलावों के तहत अब यूजर्स के चेहरे पहचानने के विकल्प को हटा दिया है।, जिन्हाने अपनी तस्वीरों पर बायोमीट्रिक स्कैन की अनुमति नहीं दी है। यूजर के हुए डाटा चोरी को बिना अनुमति के स्टोर किया डाटा को डिलीट कर देगा । जो यूजर्स तीन वर्ष से फेसबुक पर एक्टिव नहीं हैं, उनका डाटा भी फेसबुक को हटा देना होगा।

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