इस सर्दी के सीजन खुद को रखना है कूल, तो आ जाइए डलहौजी की वार्दियों में

हिमाचल प्रदेश के सबसे पिछड़े जिले में चंबा जिले का नाम आता है,लेकिन इस जिले को कुदरत ने प्राकृतिक खूबसूरती से सजाया है। यहां की खूबसूरती का दीदार करने लोग दूर- दराज से आते हैं। चंबा जिले के खूबसूरत शहर में एक नाम डलहौजी का भी आता है। यहां घूमने के लिए हर साल हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं और यहां की हसीन वादियों का लुत्फ उठाते हैं। बता दें यहां रहने वाले लोगों का जीवन बेहद कठिन है, इसके बावजूद भी लोगों का हौसला बहुत मजबूत है।

डलहौजी

डलहौजी की सुंदरता को बढ़ाते हैं यहां के देवदार और चीड़ के हरे-भरे पेड़। कहते हैं इस शहर से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और रवींद्रनाथ टैगोर का पुराना नाता है। पर्यटन के साथ यहां देश के सबसे बेस्ट बोर्डिंग स्कूल भी हैं। यहां देश के कोने-कोने से बच्चे पढ़ने आते हैं, तो वहीं इस वक्त ठंड के साथ यहां बर्फबारी भी शुरू हो चुकी है। पूरा डलहौजी बर्फ का चादर ओढ़े हुए है। डलहौजी में इस साल की पहली बर्फबारी हुई है। जिसके बाद वहां के स्थानीय लोगों और पर्यटकों के चेहरे पर दोगुनी खुशी की लहर है। यहां के व्यवसायी लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे थे। बर्फबारी के बाद उनके चेहरे की रौनक वापस आ गई है।

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बर्फबारी की वजह से कई रास्ते बंद हो चुके है तो वहीं कई इलाकों में बिजली भी चली गई है। पीने का पानी भी जम गया है, इसके बावजूद लोग वहां खूब एंजॉय कर रहे हैं। सर्दियों में डलहौजी का दृश्य स्विटजरलैंड जैसा हो जाता है, जिसे कुछ लोग मिनी स्विटजरलैंड भी कहते हैं।

घूमने वाली जगह 

बड़ा पत्थर– डलहौजी से महज चार किलोमीटर की दूरी पर यह गांव स्थित है। यहां भुलावनी माता का मंदिर है जिसके दर्शन करने लोग दूर-दराज से आते हैं।

धाइनकुंड– यह स्थान डलहौजी से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर है यहां एक साथ बहती तीन नदियों का मेल देखने लोग आते है। सैलानियों के लिए यह जगह सबसे लोकप्रिय है।

बकरोटा हिल्स– यहां घूमने आने वाले लोग पहाड़ों के खूबसूरत नजारे जरूर देखते हैं।

सुभाष बावली– जीपीओ से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस जगह पर लोग बर्फ से ढकी चोटियों को देखने आते हैं।
सतधारा– यहां के पानी से कई तरह के दवाई बनती है। इस पानी को लोग पवित्र पानी मानते है।

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कैसे पहुंचे

सड़क मार्ग से जाने वाले पर्यटकों के लिए डलहौजी पहुंचना बहुत आसान है। दिल्ली एनसीआर से हर रोज सुबह और शाम को डलहौजी के लिए बस जाती है। जिसका किराया महज 1000 से 1200 रुपये है। बस चंडीगढ़ के रास्ते डलहौजी पहुंचती है। अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन कांगड़ा है। यहां से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर डलहौजी स्थित है। यहां लोग सर्दियों में आना ज्यादा पसंद करते हैं इसके साथ ही लोग अप्रैल और जून में भी आना पसंद करते है। यहां सुबह-शाम मौसम बहुत सुहावना होता है।

 

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