ट्रंप की भारत को धमकी, इस देश से रखा संबंध तो बरबाद कर दूंगा

वॉशिंगटन। अमेरिका और वेनेजुएला के बीच इस समय तनातनी जारी है। इस तनातनी के बीच ही अमेरिका की ओर से भारत समेत उन तमाम देशों को चेतावनी दी गई है जो वेनेजुएला से तेल खरीदते हैं।

राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्‍टन की ओर से कहा गया है, ‘जो भी देश या कंपनियां ‘संकटग्रस्‍त’ वेनेजुएला के राष्‍ट्रपति निकोलस मादुरो की चोरी का समर्थन करते हैं, उन्‍हें कभी नहीं भुलाया जाएगा।’ बोल्‍टन ने मंगलवार को ट्वीट करके यह वॉर्निंग दी है। बोल्‍टन की यह वॉर्निंग वेनेजुएला के तेल मंत्री और सरकारी तेल कंपनी पीडीवीएसए के प्रेसीडेंट मैनुएल क्‍यूवेदो के एक बयान के बाद आई है।

मैनुएल पिछले दिनों भारत में आए थे और यहां पर ग्रेटर नोएडा में मीडिया से बात करते हुए उन्‍होंने एक बड़ा बयान दिया था। मैनुएल ने कहा था कि वह भारत को और ज्‍यादा कच्‍चा तेल बेचना चाहते हैं। अमेरिका की ओर से हाल ही में पीडीवीएसए पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। अमेरिका ने यह प्रतिबंध वेनेजुएला की ओर से होने वोल कच्‍चे तेल के निर्यात को कम करके राष्‍ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बढ़ाने के मकसद से लगाए हैं।

अमेरिका चाहता है कि मादुरो अपना पद छोड़ दें। मैनुएल ने ग्रेटर नोएडा में हुई पेट्रोटेक कॉन्‍फ्रेंस से अलग मीडिया से बात की थी। उन्‍होंने कहा था, ‘भारत के साथ हमारे काफी अच्‍छे संबंध हैं और हम इस रिश्‍ते को और आगे बढ़ाना चाहते हैं। भारत के साथ यह रिश्‍ता आगे भी कायम रहेगा और व्‍यापार चलता रहेगा। हम बस व्‍यापार और इस रिश्‍ते को और विस्‍तार देना चाहते हैं।’

वेनेजुएला तीसरा सबसे बड़ा देश है जो भारत को तेल का निर्यात करता है। मैनुएल की भारत यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए बोल्‍टन ने कहा, ‘अमेरिका, वेनेजुएला के लोगों की संपत्ति की सुरक्षा करने में अपनी हर ताकत का प्रयोग करेगा और हम सभी देशों को साथ में मिलकर इसी दिशा में काम करने के लिए प्रोत्‍साहित करना चाहते हैं।’

बोल्‍टन ने अपनी ट्वीट के साथ मैनुएल की भारत यात्रा से जुड़ा एक आर्टिकल भी रि-ट्वीट किया था। वेनेजुएला प्रति दिन करीब 1.57 मिलियन बैरल तेल का उत्‍पादन करता है और दो दशक पहले तेल का उत्‍पादन वर्तमान उत्‍पादन से आधा था।

अमेरिका की ओर से पीडीवीएसए से होने वाले तेल के आयात पर लगाई गई रोक के बाद अब वेनेजुएला चीन और भारत जैसे देशों की तरफ अपनी नजरें लगाए हुए हैं। क्‍यूवेदो जो ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्‍सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) में प्रेसीडेंट हैं, सोमवार को उन्‍होंने कहा था कि उन सभी देशों की बात सुनना काफी अहम है जो तेल का उपभोग करती हैं ताकि बाजार में मांग और पूर्ति के संतुलन को बरकरार रखा जा सके।

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उन्‍होंने कहा कि निश्चित तौर पर भारत के साथ उनके देश के बेहतर संबंध हैं और साथ ही सभी ओपेक देशों के साथ भी अच्‍छे रिश्‍ते हैं। उनकी मानें तो वह आगे भी तेल का उपभोग करने वाले सभी देशों के साथ अच्‍छे रिश्‍ते बरकरार रखना चाहेंगे ताकि स्थिरता और संतुलन बना रहे।

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