टेक्नॉलोजी बनी इन 10 नौकरियों के लिए काल

टेक्नॉलोजी बनी नौकरियों की कालनई दिल्ली: आधुनिकता के इस दौर में टेक्नॉलोजी बनी नौकरियों की काल, टेक्नॉलोजी के इस दौर में जिंदगी तो आसन बन गई है पर कुछ नौकरियों को भी इसने खत्म किया है. याद कीजिए कि आपने आखिरी बार कब किसी पीसीओ से कॉल किया था? या किसी रिसेप्शनिस्ट से दूर बैठे अपने रिश्तेदार को कॉल मिलाने के लिए कहा था? कब किसी लिफ्टमैन को अपना फ्लोर बताया था.

इन सब का जवाब आपको सोचना पड़ेगा क्योंकि ऐसा किए आपको सालों बीत गए होंगे.

सब मिलाकर इस माहौल में मैनपावर की जगह मशीनों ने ले ली है.

हम सब भी पूरी तरह से टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो गए हैं.

अब जितनी तेजी के साथ टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है, इस बात से यह अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं कि आने वाले कुछ सालों में यह नौकरियां खत्म हो जाएंगी.

यह कुछ ऐसी नौकरियों हैं जिन पर लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है.

टेक्नॉलोजी बनी नौकरियों की काल

लाइब्रेरियन

कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो बमुश्किल ही कोई आज ई-बुक्स के इस ज़माने में पढ़ने के लिए किताबों को ढूढ़ते हुए लाइब्रेरी जाता होगा.

आज ई-बुक्स व ऑडियो बुक्स हर व्यक्ति के लिए आसानी से उपलब्ध है. धीरे-धीरे ई-बुक्स  की ओर लोगों का रुझान और भी बढ़ता चला जा रहा है.

फिर भी अगर आप भूले भटके लाइब्रेरी में पहुच भी जाते हैं तो अब रोबोट्स आपकी किताब ढूंढ़ने में आपकी मदद करेगे.

ऐसे में अब लाइब्रेरी में मैनपावर की पहले जितनी अहमियत नहीं रह गई है.

बीपीओ कर्मचारी

इस बात की भी चर्चा है कि बीपीओ/कॉल सेंटर इंडस्ट्री में ऑटोमेशन की वजह से बीपीओ कर्मियों की जरूरत कम होती जाएगी.

हर कंपनी धीरे-धीरे चैटबॉट्स को अपनाएगी.

तो ज़ाहिर है यह नौकरी भी धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी की वजह से लुप्त हो जाएगी.

फायटर पायलट

निकट भविष्य में मानवरहित फायटर जेट्स का ज्यादा महत्व होगा.

पोस्टमैन

ईमेल, मैसेज, व्हाट्सएप और स्काइप जैसे तमाम एप ने एक जगह से दूसरी जगह संदेश पहुंचाना बेहद आसान बना दिया है.

ऐसे में पोस्टमैन और कुरियर कंपनियों का काम कम होता जा रहा है.

टेक्नॉलोजी का पूरा असर इस क्षेत्र पर पड़ चुका है.

पार्किंग लॉट अटेंडेंट

ऑटोमेशन की वजह से पार्किंग लॉट अटेंडेंट की नौकरी भी खत्म हो जाएगी. पार्किंग प्लाजा को ऑटोमेटिड बनाया जाएगा.

टेक्नॉलोजी बनी नौकरियों की काल

न्यूजपेपर ब्वॉयज

लोग अपन खबरें पढ़ने के लिए अपना मोबाइल उठाने लगे हैं.

लोग अपने स्मार्टफोनों पर पहले ही सभी खबरें पढ़ लेते हैं.

वीडियो व तस्वीरें देख लेते हैं.

ऐसे में अगर न्यूजपेपर प्रचलन से खत्म हो रहे हैं तो घर पर न्यूजपेपर डिलीवर करने वाले ब्वॉय की नौकरी ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाली.

बस कंडक्टर

अब धीरे-धीरे बस में मशीन लगाने की तैयारी है. जो कि कंडक्टर का काम करेगी. इस बस में कंडक्टर की जरूरत नहीं होगी. लोग मशीन से टिकट प्राप्त कर लेंगे.

टोल प्लाजा ऑपरेटर

धीरे-धीरे यहां भी ऑटोमेशन आ रहा है. बहुत से लोग डिजिटल वॉलेट से पेमेंट कर देते हैं.

प्रिंट जर्नलिस्ट

ऑनलाइन खबरें पढ़ी जाने से अखबारों का काम मंदा होता चला जाएगा. ऐसे में प्रिंट मीडिया के पत्रकार की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है.

सेक्रेटरी

अब आपका स्मार्टफोन ही आपका पर्सनल सेक्रेटरी बनता जा रहा है. एक वक्त था जब बॉस को उसका काम याद दिलाने के लिए सेक्रेटरी होता या होती थी. लेकिन अब उसकी जगह तेजतर्रार स्मार्टफोनों ने ले ली है.

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