ज्ञानवापी मस्जिद: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला वाद सुनने योग्य नहीं, कोर्ट ने टिप्पणी कर खारिज किया केस
ज्ञानवापी परिसर में प्राप्त शिवलिंग की जानकारी होने के बाद वहां वजूस्थल बना हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने आरोप वाले वाद को कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया। इस वाद में अंजुमन मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी। इस मांग संबंधी वाद को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत ने सुनवाई योग्य नहीं माना। इसी के साथ उसे सख्त टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया।

वाद को खारिज करने के साथ ही अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सिविल वाद और सर्वे के तथ्य अलग हैं। यह मामला संवेदनशील है। इसी के साथ सिविल न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसा लगता है कि वादी ने संवेदनशील मुद्दे पर व्यक्तिगत रूप से हित साधने और लाइम लाइट में बने रहने के लिए यह आवेदन किया है। यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। वाद सुनने योग्य न मानते हुए अदालत ने इसे खारिज कर दिया।