अभी-अभी : सारे पड़ाव पार करने के बाद बैकफुट पर पहुंचे मोदी, इस राज्य ने भाजपा के सपनों में डाली दरार

जीसटी परिषदनई दिल्ली। आंध्र प्रदेश ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से कपड़ा और उर्वरक को बाहर रखने की मांग की है, जबकि जीसटी परिषद की यहां रविवार को हुई बैठक में पहले ही तय किया जा चुका है कि ई-वे बिल वैकल्पिक होगा। परिषद की 17वीं बैठक में थोड़े समय एक विराम के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में आंध्र प्रदेश के वित्तमंत्री यानामाला रामाकृष्णुडू ने कहा कि उन्होंने आग्रह किया है कि जीएसटी से कपड़ा व उर्वरक को बाहर रखा जाए।

उन्होंने कहा कि एक जुलाई से जीएसटी लागू हो जाने के बाद सभी सीमावर्ती चौकियों से वाणिज्यिक कर हटा दिए जाएंगे।

रामाकृष्णुडू ने कहा कि परिषद ने 11 जून को हुई बैठक में कुछ सामानोंपर दरों की समीक्षा की सहमति के बाद, दूसरे सभी प्रारूपों की दरों की समीक्षा को ठुकरा दिया था।

महाराष्ट्र के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि जीएसटी के तहत ई-वे बिल वैकल्पिक होगा।

उन्होंने कहा, “जिन राज्यों में ई-वे बिल की सुविधा है, वे इसे जारी रख सकते है। हालांकि, चूंकि महाराष्ट्र में ई-वे बिल सुविधा नहीं है, इसलिए राज्य इसे लागू नहीं कर रहा है।”

ई-वे बिल वस्तुओं की आवाजाही के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक वे बिल है, जिसे जीएसटी नेटवर्क पोर्टल से निकाला जा सकता है। 50,000 रुपये से ज्यादा की कीमत वाली वस्तुओं की आवाजाही एक पंजीकृत व्यक्ति के द्वारा ई-वे बिल के बिना नहीं की जा सकती।

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