जीसएटी दरों पर असमंजस, कई व्यापारियों ने काम रोका
नई दिल्ली/नोएडा| वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के शुक्रवार मध्यरात्रि से लागू होने के बाद दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कई कारोबारी शनिवार को असमंजस में दिखे। आलम यह रहा कि कुछ कारोबारियों ने न तो कोई उत्पाद खरीदा और न बेचा। कुछ व्यापारी हालांकि विभिन्न तरीके से बिल देते नजर आए, जबकि कई व्यापारियों ने जीएसटी के लिए बने नए सॉफ्टवेयर से निकाले गए बिल दिए।
कुछ रेस्तरांओं के बिल में राज्य जीएसटी तथा केंद्र जीएसटी दोनों अंकित दिखा।
नोएडा के केडी इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रबंधक नरेश ने नई कर व्यवस्था के पहले दिन किसी भी उत्पाद की बिक्री नहीं की। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था को लेकर वह असमंजस में हैं।
नरेश ने कहा, “हम जीएसटी काउंसिल से करों के बारे में संपूर्ण जानकारी आने का इंतजार कर रहे हैं। पूरी जानकारी मिलने के बाद ही हम काम शुरू करेंगे। दरों के बारे में कई तरह की उलझनें हैं।”
कई अन्य दुकानदारों की भी इसी तरह की समस्याएं हैं। वे भी दरों के संबंध में स्पष्ट जानकारी का इंतजार रहे हैं, ताकि लेनदेन किया जा सके।
एक हैंडलूम इंपोरियम के आनंद कुमार ने कहा, “हमारे पास बेहद कम ग्राहक आ रहे हैं, लेकिन हम उन्हें भी वापस भेज दे रहे हैं, क्योंकि नए नियमों को अभी तक समझ नहीं पाए हैं।”
उन्होंने कहा, “इस बारे में सही तस्वीर सामने आने के बाद ही हम दुकानदारी शुरू करेंगे।”
कुमार ने निराशा जताई और नई नीति को ‘जल्दबाजी’ में लागू करने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, “इस नीति को लागू करने की इतनी भी क्या जल्दबाजी थी, जिसे देश के अधिकांश लोग अभी तक समझ ही नहीं पाए हैं।”
वहीं, दूसरी तरफ कुछ दुकानदार कैशमेमो का इस्तेमाल कर रहे हैं और जीएसटी काटने के साथ ही हाथ से लिखा बिल दे रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें जीएसटी व्यवस्था की पूरी जानकारी है, सीएस इलेक्ट्रिक कंपनी के मालिक ने कहा कि ऑनलाइन जारी सूचनाएं बिल बनाने में हमारी मदद कर रही हैं।
राम ज्ञान महतो (45) ने कहा, “बिल बनाने के लिए हम जीएसटी दरों को ऑनलाइन देख रहे हैं।”
वहीं रेमंड के प्रबंधक पवन अग्रवाल ने कहा, “हम फिलहाल बिल नहीं दे रहे हैं। ग्राहकों को विश्वास दिलाया गया है कि एक बार जब हमारा सिस्टम अपडेट हो जाएगा, तब हम उनके ई-मेल पर उनका बिल भेज देंगे।”
अग्रवाल ने नई कर प्रणाली की सराहना करते हुए कहा, “यह कीमतों में विविधता को दूर करेगा। अब से पूरे देश में एक कर होगा।”