जीडीपी में होगी 8 फीसदी से अधिक की वृद्धि, मौसम के कारण होगा बदलाव : पनगढिया

 

पनगढियानयी दिल्ली नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने आगामी तिमाही में बेहतर मानसून और केन्द्र के समय पर निर्णय लेने से भारत की आर्थिक वृद्धि दर में 8 फीसदी की बढ़त होने की बात कही है। यह आने वाली तिमाहियों में संभव हो सकेगा।

विस्तार में इस बात पर चर्चा करते हुए पनगढिया ने कहा, ऐसा इसलिये संभव होगा, क्‍योंकि देश की आर्थिक नीति में सुधार हुआ है साथ ही मानसून भी बेहतर है। इससे पहले राजकाज संचालन के मामले में भी गंभीर मुद्दे थे। परियोजनाओं पर काम भी रुका हुआ था। केन्द्र में फैसले नहीं हो रहे थे।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही ‘अप्रैल से जून’ के दौरान खनन, निर्माण और कृषि क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के चलते देश की आर्थिक वृद्धि दर छह तिमाहियों में सबसे कम 7.1 प्रतिशत पर पहुंच गयी।

इससे पहले पिछले साल की आखिरी तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान आर्थिक वृद्धि 7.9 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि 7.5 प्रतिशत रही थी।

पनगढि़या ने माना कि पहली तिमाही में 7.1 प्रतिशत वृद्धि कुछ कम रही है। उन्होंने कहा, यह :अप्रैल-जून की जीडीपी वृद्धि: मेरी उम्मीदों से कुछ कम रही है। पहली तिमाही के आंकड़ों में अच्छे मानसून का असर शामिल नहीं है।

देश का खाद्यान्न उत्पादन इस साल खरीफ सत्र के दौरान 9 प्रतिशत बढ़कर रिकार्ड 13.50 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। बेहतर मानसून की बदौलत इस बार चावल और दालों का उत्पादन अच्छा रहने की उम्मीद है।

इससे पहले पिछले साल के खरीफ मौसम में खाद्यान्न उत्पादन 12.40 करोड़ टन रहा था। दालों का उत्पादन ज्यादा होने से इसकी खुदरा कीमतें भी कम होंगी।

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