ब्राजील में जीका से जुड़े माइक्रोसेफेली के 1,581 मामले

जीका ब्रासिलिया | ब्राजील ने अक्टूबर 2015 तक जीका वायरस से जुड़े माइक्रोसेफेली के 1,581 मामलों की पुष्टि की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह घोषणा की है। मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि पिछले नौ महीनों में माइक्रोसेफेली के 7,936 संदिग्ध मामले सामने आए, जिनमें से 3,308 मामले जीका वायरस से जुड़े हुए नहीं थे और 3,047 मामलों की अभी भी जांच हो रही है। ये सभी मामले एक ही उत्तरी प्रांत एक्रे के हैं। मंत्रालय ने इसके अलावा माइक्रोसेफेली से अक्टूबर तक 317 नवजात की मौत की पुष्टि भी की।

जीका का संक्रमण समूचे लैटिन अमेरिका

माइक्रोसेफेली एक जन्मजात विकार है जिसमें बच्चा छोटे सिर और अविकसित मस्तिष्क के साथ पैदा होता है। इस रोग के कई कारण हैं जैसे गर्भावस्था में ड्रग का प्रयोग और रुबेला आदि। ब्राजील में 2015 से ही माइक्रोसेफेली के मामलों में एकाएक बढ़ोतरी देखी गई है और इसका मुख्य कारण गर्भवती माताओं का जीका वायरस की चपेट में आना है।

जीका का संक्रमण समूचे लैटिन अमेरिका मे फैला हुआ है, जिसमें माइक्रोसेफेली के सबसे ज्यादा मामले ब्राजील में दर्ज किए गए हैं। देश के पूर्वोत्तर प्रांतों में यह मामला सबसे ज्यादा देखा गया है, खासकर परनामाबुको (336 मामले), बाहिया (254 मामले) और पाराइबा (139 मामले) में।

बच्चों में जन्मजात रोग के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 2015 में स्वास्थ्य आपातकाल लागू कर दिया था और ताकि मच्छरों का प्रजनन रोका जा सके और इस वायरस के संचरण पर रोक लगाई जा सके।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचअओ) ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि जीका के कारण नवजात में मस्तिष्क संबंधी बीमारियों और विकृति में बढ़ोतरी देखी गई है। इसके साथ ही संगठन ने पहले की चेतावनी को जारी रखा है कि जीका वायरस के संक्रमण वाले देशों (ब्राजील इनमें शामिल है, जहां ओलंपिक और पैराओलंपिक खेलों का आयोजन होने वाला है) की यात्रा व व्यापार से बचें।

साथ ही डब्ल्यूएचओ ने गर्भवती महिलाओं को जीका वायरस से प्रभावित क्षेत्रों के दौरे से बचने की सलाह दी है और अगर उनके साथी ने जीका प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है तो गर्भावस्था में सुरक्षित सेक्स करने की सलाह दी है।

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