
नई जीएसटी दरें आज (22 सितंबर) से लागू हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कदम भारत के विकास को गति देगा और देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के महत्व पर ज़ोर दिया।

नई जीएसटी दरें आज (22 सितंबर) से लागू हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कदम भारत के विकास को गति देगा और देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के महत्व पर ज़ोर दिया। अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के तहत, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य और ऑटोमोबाइल सहित कई वस्तुओं और उत्पादों की कीमतें कम कर दी गई हैं।
जीएसटी सुधार के तहत, सरकार ने अब चार के बजाय केवल दो जीएसटी स्लैब—5% और 18%—पेश किए हैं। अति विलासिता वाली वस्तुओं पर अलग से 40% कर लगाया जाएगा, जबकि तंबाकू और संबंधित उत्पाद 28 प्रतिशत से अधिक उपकर वाली श्रेणी में बने रहेंगे। अब तक, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार स्लैब में लगाया जाता था। इसके अलावा, विलासिता की वस्तुओं और अवगुण या पाप वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है।
खाद्यान्न, दवाइयाँ और रोज़मर्रा की ज़रूरतों जैसी ज़रूरी वस्तुओं पर 5% की कम दर से कर लगता रहेगा, जिससे परिवारों के लिए वहनीयता सुनिश्चित होगी। इस बीच, 12% कर की दर हटने से कई मध्यम श्रेणी की वस्तुएँ सस्ती हो गई हैं, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को सीधी राहत मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का मानना है कि सरकार द्वारा लागू किए गए नए जीएसटी सुधारों से कर का बोझ काफ़ी कम हो जाएगा। अनुमान है कि इससे देश के नागरिकों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।
अब दूध से बने पेय पदार्थ, बिस्कुट, मक्खन, अनाज, सूखे मेवे, फलों के रस, घी, आइसक्रीम, जैम, केचप, स्नैक्स, पनीर, पेस्ट्री, सॉसेज और नारियल पानी जैसी रोज़मर्रा की खाने-पीने की चीज़ों पर पहले से कम जीएसटी लगेगा। इससे आम आदमी का रसोई खर्च कम होगा। शैम्पू, साबुन, हेयर ऑयल, शेविंग क्रीम, टैल्कम पाउडर और फेस क्रीम जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुएं अब कर कम होने के कारण सस्ती हो जाएंगी।
एसी, वाशिंग मशीन, टीवी और डिशवॉशर जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान भी सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे। नई जीएसटी दरों के कारण इन उत्पादों पर लगने वाला टैक्स कम हो गया है। सरकार ने कई ज़रूरी दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी की दर घटाकर सिर्फ़ 5% कर दी है। दवा कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) में बदलाव करें और इसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दें। सैलून, नाई की दुकानें, जिम, फिटनेस सेंटर और योग सेवाओं पर भी अब कम जीएसटी लगेगा। इससे इन सेवाओं का उपयोग करने वालों पर बोझ कम होगा।