जाली नोटों की पहचान के लिए आरबीआई चलाएगी प्रशिक्षण अभियान

किरण रिजिजू नई दिल्ली | केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को यहां कहा कि जालसाजों द्वारा 500 रुपये तथा 2,000 रुपये के नए नोटों की सभी सुरक्षा विशेषताओं की नकल करना संभव नहीं है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान रिजिजू ने कहा,  जाली नोटों की निम्न गुणवत्ता है। उसमें कम गुणवत्ता वाले कागज व स्याही का इस्तेमाल होता है और उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है।

उन्होंने कहा  जालसाजों के लिए नए नोटों की सभी खूबियों की नकल करना संभव नहीं है। मंत्री ने कहा कि लोगों को जाली नोटों के प्रति जागरूक करने तथा उनकी पहचान करने के लिए केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सहयोग से एक प्रशिक्षण तथा जागरूकता अभियान का संचालन कर रही है।

कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा ने पूछा कि क्या यह सही है कि नए नोटों की 11 में से सात खूबियों के साथ समझौता किया गया।

रिजिजू ने जवाब में कहा कि कई सुरक्षा विशेषताएं नोटों में इसलिए डाली गई हैं, ताकि उनमें से सभी की नकल करना संभव न हो पाए।

उन्होंने कहा,  शुरुआत में जो जाली नोट आए थे, वे बेहद निम्न गुणवत्ता के थे और उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता था। बाद में जो जाली नोट आए, उनमें बेहतर कागज तथा स्याही इत्यादि का इस्तेमाल किया गया। लेकिन इसके बावजूद जाली नोट असली नोट से मेल नहीं खाते और उन्हें पहचाना जा सकता है।

इस सवाल के जवाब में कि सरकार 2,000 रुपये के नए नोटों का विमुद्रीकरण करने जा रही है या नहीं,  रिजिजू ने कहा,  अफवाहों पर मत जाइए।

उन्होंने हालांकि इस बात का जवाब नहीं दिया कि देश में जाली नोट चलाने वाले पड़ोसी देश की एजेंसियों को समान कागज व स्याही कहां से मिली।

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