जाने-माने बाबा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत, साथी बाबा फरार !

रिपोर्ट – अनुराग पाल

ऊधमसिंहनगर : काशीपुर में बाजपुर रोड पर रोडवेज के सामने स्थित मां काली मंदिर में एक बुजुर्ग मठाधीश बाबा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई ।
मंदिर में वर्तमान में मौजूद बाबा विषहरदास खिचड़ी वाले बाबा बुजुर्ग बाबा की मौत के बाद से फरार हो गया | बाबा विषहरदास पर आरोप है बिना किसी को बताए बुजुर्ग बाबा के शव को मंदिर के पीछे जमीन में दबाने का |

घटना के बाद से आरोपी बाबा मंदिर से फरार है सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने वहां मौजूद लोगों से घटना के संबंध में पूछताछ की तथा मौके पर मौजूद तुलसी माता नामक महिला से जानकारी ली |

जिसके बाद पुलिस बाबा की संदिग्ध मौत को साधारण मौत बता कर मामले को रफा-दफा करने में जुट गई है।

काशीपुर में बाजपुर रोड पर रोडवेज के सामने स्थित मां काली मंदिर में जमा भीड़ यहां किसी पूजा पाठ का आयोजन में नहीं बल्कि यहां रह रहे मठाधीश बुजुर्ग बाबा की संदिग्ध मौत की खबर सुनने के बाद पहुंची हुई है |

इस मां काली मंदिर में एक 85 साल के बुजुर्ग बाबा जो की बीमारी से ग्रस्त थे उन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई । घटना के बाद से मंदिर में मौजूद वर्तमान बाबा विषहरदास मौके से फरार हो गया

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घटना का पता तब चला जब मंदिर के पास की दुकान करने वाले दीपक सिंधवानी नामक युवक के पिता को मंदिर में आने वाली सेवक माता ने दीपक सिंधवानी के पिता मनोहर लाल सिंधवानी से पूरा वाकया बताया जिसके बाद दीपक सिंधवानी ने आसपास के दुकानदारों के साथ मिलकर मंदिर के अंदर आकर देखा तो बाबा मौके से फरार था|

जिसके बाद सभी लोगों ने मिलकर आज सुबह कोतवाली पुलिस को सूचना दी | सूचना पर कोतवाली पुलिस ने आकर मंदिर में रहने वाली उक्त तुलसी माता नामक महिला से घटना के बाबत जानकारी ली ।

स्थानीय निवासी दीपक सिंधवानी ने आरोपी बाबा विषहरदास पर मंदिर के अंदर नशा करने तथा महिलाओं को भी नशे का आदी बनाने का आरोप लगाया । उनके मुताबिक मंदिर में बाबा जमकर नशा किया करता था ।

बाबा विषहरदास आज सुबह तक मंदिर में था । लेकिन जैसे ही लोगों को मंदिर में बुजुर्ग बाबा के शव को दफनाने की सूचना मिली । वैसे ही आरोपी बाबा मौके से फरार हो गया |

जिस जगह बुजुर्ग बाबा को जमीन में दबाया गया वहां आरोपी बाबा ने जमीन के ऊपर तखत तथा अन्य पूजा की सामग्री तथा तंत्र मंत्र की सामग्री से उस जगह को ढक दिया ।

मंदिर में आरोपी बाबा ने अपने आप को उदासीन पंचायती अखाड़ा का सदस्य होने का प्रमाण देते हुए एक फ्लेक्स भी लगाया रखा है । जिससे कि उस पर किसी तरह का कोई शक ना करें ।

सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने मंदिर में मौजूद तुलसी माता का बयान लिया और उन्हीं के बयान के आधार पर पुलिस बुजुर्ग बाबा की मौत को संदिग्ध ना मानते हुए बल्कि साधारण मौत मान रही है ।

इसे देखते हुए काशीपुर पुलिस की लचर कार्यप्रणाली कहा जाये या कुछ और | मंदिर परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में बुजुर्ग बाबा की मौत के बाद वर्तमान में गद्दी संभाल रहे बाबा के द्वारा बुजुर्ग बाबा की लाश को चुपचाप गुपचुप तरीके से जमीन में दबाई जाने के बावजूद भी पुलिस मामले को कहीं से भी संदिग्ध मानने को तैयार नहीं है

 

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