जानिए शादी के लिए रात के 2 बजे मंदिर पहुंचीं थीं देश की पहली महिला IPS ऑफिसर…

भारत की पहली महिला आईपीएस बनने का गौरव हासिल करने वाली किरण बेदी आज 70 साल की हो गई हैं. किरण बेदी 1972 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस के लिए सेलेक्ट हुई थीं.

किरण बेदी

बता दें की आज पुलिस की वर्दी में महिला ऑफिसरों का दिखना भले ही आम हो, लेकिन किरण बेदी ने ये यूनिफॉर्म तब पहनी जब पुलिस फोर्स में मर्दों का दबदबा था. लेकिन ये एक सामाजिक बदलाव की ओर इशारा था, लेकिन कुछ ऐसी भी मानसिकता थी, जो इस परिवर्तन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थी.

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आईपीएस बनने के बाद किरण बेदी का सामना एक दिन ऐसे ही एक सीनियर से हुआ. इसे बेशर्मी कहा जाए या फिर मर्दवादी सोच की पराकाष्ठा, भारत की पहली महिला पुलिस अधिकारी को इस ऑफिसर ने छोकरी कह कर पुकारा.

देखा जाये तो किरण बेदी पहले तो ये सुनकर चौंकी, लेकिन उन्होंने तुरंत अपने आप को संभालते हुए इस ऑफिसर को इतनी शालीनता से जवाब दिया कि उसका मुंह लटक गया. किरण बेदी ने इस ऑफिसर से कहा, “सर मेरा एक नाम है जिसे दुनिया किरण नाम से जानती है.” एक जाने-माने इंटरव्यू शो के दौरान किरण बेदी ने इस वाकये का खुलासा खुद किया था.

किरण बेदी ने आगे कहा कि मुझे शुरुआत में छोकरी कहा जाता था, लेकिन मैंने कभी खुद इसे नहीं सुना, लेकिन एक दिन एक सीनियर ने मुझे छोकरी कहकर पुकारा. किरण बेदी ने हालांकि अपने इंटरव्यू में इस अधिकारी का नाम नहीं बताया. लेकिन वो अधिकारी इस जवाब से समझ गया था कि ये खाकी वर्दी की लिबास में युवती इतिहास लिखने आई थी.

किरण बेदी ने इस इंटरव्यू में अपनी जिंदादिली पर भी खूब बात की है. पति स्वर्गीय बृज बेदी के बारे में किरण बेदी बताते हुए कहती हैं कि टेनिस कोर्ट पर उनकी मुलाकात बृज से हुई थी.

जहां किरण युवावस्था में टेनिस की एशियन चैम्पियन थीं. उनका परिवार अमृतसर में रहता था. यहां जब वो टेनिस खेलने आतीं तो उनकी मुलाकात बृज से हुई. किरण कहती हैं, “हम लोग एक ही शहर अमृतसर से ताल्लुक रखते थे, टेनिस फ्रेंड थे, रोजाना टेनिस खेलते थे…

वहीं वो मेरा काफी ख्याल रखते थे, मैं एशियन टेनिस चैम्पियनशिप की तैयारी कर रही थी, मुझे ज्यादा प्रैक्टिस की जरूरत होती थी, तो वो मुझे कोर्ट पर अपने टर्न में खेलने दिया करते थे, कहते तुम्हें अभी ज्यादा प्रैक्टिस की जरूरत है…वो बहुत ही दयालु थे, मैं जो कर रही थी उसका सम्मान करते थे…एक इंसान में तो मैं यही सब खोज रही थी. इस तरह हमारी दोस्ती हुई.

दरअसल किरण बेदी बताती हैं कि ऐसा मौका आया जब रात 2 बजे बृज उनके घर आए और हमें शादी के लिए ले जाने लगे. दरअसल ये सब कुछ इस तरह हुआ. किरण बेदी की होने वाली सास ने तय किया कि रात 2 बजे का मुहुर्त शादी के लिए अच्छा है. बृज को रात को आना था और मुझे लेकर 2 बजे शादी के लिए मंदिर लेकर जाना था.

किरण बेदी कहती हैं, “वो मेरे घर रात को आए, लेकिन मेरे घर के मेन गेट का दरवाजा फंस गया. उन्होंने किसी तरह दरवाजा खोला, हम लोग दौड़ते-भागते मंदिर पहुंचे.

 

किरण बताती है कि हमलोगों ने आनन-फानन में पुजारी को जगाया, वो सो रहा था. पुजारी ने कहा कि इस वक्त मंदिर बंद रहता है, भगवान सो रहा है.

वहीं किरण शादी की बात बताते हुए कहती हैं कि हमलोगों ने एक दूसरे को माला पहनाई…बस हमारी शादी हो गई, अगले ही मॉर्निंग मैं ड्यूटी करने चली गई. बता दें कि किरण बेदी के पति बृज बेदी अब इस दुनिया में नहीं रहे. 31 जनवरी 2016 को उनका निधन हो गया.

किरण बेदी अभी केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं. अपने 70वें जन्मदिन के मौके पर किरण बेदी ने कहा है कि वे अपना 70वां जन्मदिन ग्रीन पुदुचेरी के लिए समर्पित करती हैं. उन्होंने लिखा है कि हर सप्ताह के अंत में राजनिवास की टीम झील, तालाब और दूसरे वाटर बॉडीज के किनारे पेड़ लगाएगी.

 

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