जानिए शपथग्रहण में न्योता न मिलने पर पाकिस्तान की सफाई- न बुलाना मोदी सरकार की मजबूरी…

नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में इस बार बिमस्टेक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है। भारत के न्योते पर पीएम मोदी के शपथग्रहण में आठ देशों के नेता शामिल होंगे, जबकि भारत ने पाकिस्तान को दरकिनार कर दिया है। इस बीच पाकिस्तान ने सफाई देते हुए अपनी रही-सही इज्जत बचाने की कोशिश की है।

 

पाकिस्तान

बता दें की पाकिस्तान ने अपनी बेइज्जती का ठीकरा भारतीय राजनीति पर फोड़ते हुए कहा है कि भारत की आंतरिक राजनीति नरेंद्र मोदी को ऐसा करने से रोक रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान विरोधी कार्ड पर ही चुनाव जीता है और ऐसे में मोदी जीत के तुरंत बाद पाकिस्तान को आमंत्रित करते हैं तो वह अपनी बात से मुकरने वाले कहे जाएंगे।

जहां डॉन ने भी कुरैशी के हवाले से लिखा है कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव में पाक विरोधी कार्ड खेला और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव जीता। ऐसे में उनका तुरंत अपनी बात से मुकरना संभव नहीं।

देखा जाये तो ऐसा हुआ तो विपक्ष उनकी निंदा और आलोचना शुरू कर देगा। इसलिए उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को न्योता नहीं भेजा है। कुरैशी ने इसके लिए उदाहरण दिया कि पेंडुलम को एक ओर जाने के बाद दोबारा आने में समय लगता है।

दरअसल सरकार ने सोमवार को नई दिल्ली में घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण में बिमस्टेक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। बिमस्टेक(बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) में भारत, बांग्लादेश,  म्यामार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं। पाकिस्तान इस क्षेत्रीय समूह का सदस्य नहीं है।

 

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