जानिए मैसूर लोकसभा सीट पर 18 को वोटिंग, क्या बीजेपी दोहरा पाएगी अपनी कामयाबी?
नई दिल्ली : कर्नाटक में मैसूर लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होंगे। जहां इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जहां इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला हैं।
देखा जाये तो बीजेपी ने प्रताप सिम्हा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस के टिकट पर सी. एच. विजयशंकर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने डॉ. बी. चंद्रगौड़ा को टिकट दिया है। देखा जाये तो कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं। इसलिए इस सीट पर जेडीएस कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दे रही हैं।
लोकसभा चुनाव: मैसूर सीट पर होगी 18 को वोटिंग, क्या फिर से बीजेपी होगी कामयाब?
बता दें की कर्नाटक की अहम लोकसभा सीटों में से एक मैसूर सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर होती है। वोडेयार-मैसूर जिले में फैली इस सीट पर अभी बीजेपी के प्रताप सिम्हा काबिज है. उन्होंने कांग्रेस के सांसद अब्बगोरू एच विश्वनाथ को करीब 30 हजार मतों से मात दी थी। इस सीट पर 18 अप्रैल को मतदान होगा।
टीपू सुल्तान ने साल 1799 तक इस शहर पर राज किया. श्रीरंगपट्टनम के युद्ध में टीपू सुल्तान की मौत हो गई और फिर मैसूर पर अंग्रेजों ने शासन किया. टीपू सुल्तान के मैसूर पैलेस यानी अम्बा विलास महल के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध मैसूर कावेरी और काबीनी नदी के किनारे बसा है। लेकिन नदियों के किनारे होने के कारण है कि इस इलाके की मुख्य आजीविका खेती पर निर्भर है। साथ ही इसके अलावा मैसूर में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने जाते हैं।
खबरों के मुताबिक वर्ष 1977 में वजूद में आई मैसूर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. 1977 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के एचडी तुलसीदास जीते थे. इसके बाद 1980 में इस सीट से एम. राजशेखरामुर्थी जीते. 1984 और 1989 का चुनाव कांग्रेस के ही श्रीकांतादत्ता नरसिंहाराज वाडियर जीते. 1991 में कांग्रेस के चंद्रप्रभा जीतीं. 1996 में एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर श्रीकांतादत्ता नरसिंहाराज वाडियर जीतने में कामयाब कर रहे हैं।