जानिए पेंटहाउस के लिए एम एस धोनी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, बोले कुछ ऐसा की चौक गए लोग…

नई दिल्ली : क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। जहां धोनी ने अपनी नई याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई है कि आम्रपाली प्रोजेक्ट में उन्हें पेंटहाउस का कब्जा दिलाया जाए। और साथ ही उसे अन्य घर खरीदारों की तरह लेनदारों की सूची में भी शामिल किया जाए।

 

धोनी

 

बता दें की पूर्व भारतीय कप्तान धोनी ने कोर्ट को हलफनामे के जरिए बताया है कि उसने रांची में आम्रपाली सफायर में पेंटहाउस बुक कराया था।  लेकिन तब आम्रपाली ग्रुप के मैनेजमेंट ने गुमराह कर हसीन सपने दिखाए थे। जहां इसी चक्कर मे आम्रपाली ने उनको अपने प्रोजेक्ट्स का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था।

 

 

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देखा जाये तो धोनी ने कोर्ट से कहा है कि उसे ठगा गया है।  जहां उसके ब्रांड प्रमोशन के करोड़ो रूपये भी बकाया हैं और घर नहीं मिला सो अलग. इससे पहले एक याचिका में धोनी ने कंपनी पर करीब 40 करोड़ रुपये का बकाया न चुकाने का आरोप लगाया और मांग की थी कि इसके एवज में समूह की कुछ जमीन अपने लिए सुरक्षित रखने की जाए।

साल 2009 में धोनी आम्रपाली समूह के ब्रांड एंबेसडर बने थे। जहां धोनी छह साल तक समूह के साथ जुड़े रहे, लेकिन साल 2016 में जब कंपनी पर खरीददारों को ठगने का आरोप लगा, तब उन्होंने आम्रपाली से खुद को अलग कर लिया हैं।

 

दरअसल 46 हजार होमबायर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है, जिन्हें समय पर फ्लैट नहीं दिया गया. कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप की सभी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है। वही धोनी भी अपने वित्तीय हित की रक्षा के लिए सर्वोच्च अदालत पहुंचे हैं।

धोनी ने कोर्ट से कहा है कि आम्रपाली समूह ने उनके साथ कई समझौते किए, लेकिन उनकी सेवाओं के लिए भुगतान नहीं किया. आम्रपाली ग्रुप पर 38.95 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिसमें से 22.53 करोड़ रुपये मूलधन हैं और 16.42 करोड़ रुपये ब्याज होगा, जिसकी गणना 18 फीसदी वार्षिक साधारण ब्याज के साथ की गई हैं।

आम्रपाली समूह पर शिकंजा कसते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी को इसके सीएमडी अनिल शर्मा और दो डायरेक्टर्स शिव प्रिय और अजय कुमार को पुलिस हिरासत में भेज दिया था। अभी मामले में की सुनवाई चल रही हैं।

 

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