नई दिल्ली : हर साल 19 अप्रैल को लिवर संबंधी बीमारियों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है। वर्ल्ड वेल बीइंग संगठन के मुताबिक लिवर की बीमारी भारत में मौत की 10वीं सबसे बड़ी वजह है। लिवर हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है क्योंकि ये पाचन में अहम भूमिका निभाता हैं। लेकिन बेहद आवश्यक है कि लिवर का खास ध्यान रखा जाए।

जानिए वर्ल्ड लिवर डे पर क्या है फैटी लिवर बीमारी, इसके लक्षण और बचाव –
क्या है फैटी लिवर बीमारी –
जब लिवर में फैट निश्चित मात्रा से अधिक हो जाता है तो उसे फैटी लिवर डिजीज कहते हैं। आमतौर पर लिवर में फैट की मात्रा 5 प्रतिशत से कम होनी चाहिए, लेकिन जब फैट 5 प्रतिशत से अधिक हो जाता है तो खतरा बढ़ जाता हैं।
लिवर फैट बढ़ने के कारण –
व्यक्ति का अधिक वजन, शराब का सेवन और डायबिटीज लिवर में फैट बढ़ने के मुख्य कारणों में से हैं।
लक्षण –
जब किसी व्यक्ति को पीलिया हो जाए, अधिक डकार आने लगे, खाना खाने पर पेट फूल जाए और पाचन तंत्र बिगड़ जाए तो देर न करें डॉक्टर से सलाह लें। आपको लिवर संबंधी बीमारी हो सकती है।
लिवर फैट को ना करें नजर अंदाज –
लिवर के बढ़ते फैट को नजरअंदाज करना आपकी बड़ी गलती साबित हो सकती है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं करते हैं, तो कुछ सालों में एक स्टेज आता है जिसमें लिवर सिकुड़ने लगता है। धीरे-धीरे लिवर काम करना बंद कर देता है। ऐसे में शरीर में पानी जमा होने लगता है, नसें फूल जाती हैं और उससे ब्लीडिंग होने का खतरा होता है।
ऐसे करें बचाव –
बीमारी का समय पर पता लग जाये तो अच्छी डाइट, नियमित एक्सरसाइज और दवाइयों के जरिए इलाज कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।