ऐसे में तो सामान्य बिमारियाँ सभी में आम होती हैं लेकिन कुछ स्वास्थ्य समस्याएं महिलाओं को अलग तरीके से और सामान्यतः अधिक प्रभावित करती हैं. इसके अलावा, कई महिलाओं की स्वास्थ्य स्थितियों का निदान नहीं हो पाता और अधिकांश दवा परीक्षणों में उन्हें शामिल भी नहीं किया जाता है.
महिलाओं को स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, रजोनिवृत्ति (मेनोपौज) और गर्भावस्था जैसी विशेष स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं की हार्ट अटैक से मौतें भी अधिक होती हैं. अवसाद और चिंता महिला रोगियों में अधिक दिखाई देती है.
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महिलाओं में निम्नलिखित ये सात बीमारियां काफी स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती हैं.
ह्रदय संबंधी बीमारी
हृदय रोग महिलाओं की मौत का एक प्रमुख कारण है. महिलाओं में होने वाले सात तरह के कैंसरों के मुकाबले ज्यादातर महिलाओं की मौत दिल का दौरा पड़ने से होती है. हालांकि हृदय रोग को पुरुषों की एक आम समस्या माना जाता हैं, लेकिन यह स्थिति पुरुषों और महिलाओं को लगभग समान रूप से प्रभावित करती है. हृदय रोग के कुछ कारक महिलाओं में प्रमुख रूप से पाए जाते हैं, जिसमें पोस्टमेनोपॉजल स्टेटस, हिस्टेरेक्टॉमी, गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग और गर्भावस्था व इसकी जटिलताएं शामिल हैं. महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं. दिल के दौरे के लक्षणों में सीने में दर्द या बेचैनी सबसे आम है.
अवसाद और चिंता
हार्मोन में उतार-चढ़ाव अवसाद या चिंता पैदा कर सकता है. प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) आमतौर पर महिलाओं में होता है. बच्चे के जन्म के कुछ समय बाद कई माताओं में अवसाद का एक रूप देखा जाता है, जिसे बेबी ब्लूज कहते हैं लेकिन प्रसवकालीन अवसाद चिंता, भावनात्मक बदलाव, उदासी और थकान का कारण भी बनता है. रजोनिवृत्ति में बदलाव भी अवसाद का एक कारण बन सकता है. इससे फर्क नहीं पड़ता कि लक्षण कितने गंभीर हैं, डॉक्टर या चिकित्सीय उपचार के साथ राहत प्रदान की जा सकती है.
स्तन कैंसर
स्तन कैंसर स्तन की कोशिकाओं में शुरू होने वाला एक ट्यूमर है, जो शरीर के अन्य उत्तकों एवं बाकी हिस्सों में भी फैल सकता है और वैश्विक महिला आबादी को प्रभावित करने वाला सबसे आक्रामक कैंसर है. यह अवस्था विकसित देशों की महिला आबादी के बीच व्यापक रूप ले चुकी है, जिसकी वजह उनकी तेजी से बदली जीवनशैली और अन्य कारक हैं.
अंडाशयी और सर्वाइकल कैंसर
बहुत से लोग अंडाशयी कैंसर व सर्वाइकल कैंसर के बीच के अंतर को लेकर जागरूक नहीं हैं. सर्वाइकल कैंसर यूटरस के निचले हिस्से को प्रभावित करता है जबकि अंडाशयी कैंसर गर्भाशय नाल में शुरू होता है। दोनों स्थितियों में समान तरह का दर्द होता है जबकि सर्वाइकल कैंसर इंटरकोर्स के दौरान भी दर्द का कारण बनता है. वहीं अंडाशयी कैंसर में बेहद ही अस्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं और स्थिति काफी जटिल हो जाती है.
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स्त्री रोग संबंधी स्वास्थ्य
रक्तस्राव मासिक धर्म चक्र का एक सामान्य हिस्सा है. हालांकि, मासिक धर्म के दौरान ये लक्षण स्वास्थ्य समस्याओं और असामान्य लक्षणों का संकेत दे सकते हैं, जैसे कि मासिक धर्म और बार-बार रक्तस्राव होना. योनि संबंधी समस्याएं यौन संचारित रोगों (एसटीडी) या रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का संकेत दे सकती है. हालांकि चिकित्सक छोटे संक्रमणों का आसानी से इलाज कर सकते हैं, लेकिन अगर इन्हें ऐसा ही अनदेखा किया जाता है तो ये बांझपन या किडनी फेलियर जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
गर्भावस्था की समस्या
गर्भावस्था के दौरान पहले से खराब स्वास्थ्य, स्थिति को और खराब कर सकता है, जिससे मां और बच्चे के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है. गर्भावस्था के दौरान अगर अस्थमा, मधुमेह और अवसाद का ठीक से प्रबंधन नहीं किया जाता है तो मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंच सकता है. गर्भावस्था स्वस्थ मां की लाल रक्त कोशिका की गिनती को कम कर सकती है, जिसे एनीमिया कहा जाता है. हालांकि प्रसूति विशेषज्ञ गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य और दुर्लभ स्वास्थ्य समस्याओं का प्रबंधन और उपचार कर सकते हैं.
स्वप्रतिरक्षित रोग (ऑटोइम्यून डिजीज)
ऑटोइम्यून रोग तब होता है, जब शरीर की कोशिकाएं वायरस जैसे खतरों को खत्म करने के लिए स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला कर देती हैं. यह स्थिति जनसंख्या के बीच बढ़ती जा रही है, लेकिन शोधकर्ता इस बात पर अड़े हुए हैं कि इस स्थिति का प्रभाव ज्यादातर महिलाओं पर क्यों पड़ता है. हालांकि कई अलग-अलग ऑटोइम्यून बीमारियां पहले से ही मौजूद हैं, जिनके लक्षण हैं थकावट, हल्का बुखार, दर्द, त्वचा में जलन और चक्कर आदि.