जानिए किस दिशा में सोना चाहिए और क्यों, उम्र पर पड़ता है असर
नींद लेना, सोना या शयन करना ये हमारे रोजमर्रा की दिनचर्या का महत्वपूर्ण अंग है. सुश्रुत संहिता के अनुसार सदा पूर्व व दक्षिण की तरफ सिर करके सोना चाहिए. उत्तर या पश्चिम की तरफ सिर करके नहीं सोना चाहिए.
अत: हमें यह जानना अतिआवश्यक है कि हम किस तरह शयन करें, जो कि हमारी सेहत को तंदुरुस्त तथा निरोगी बनाए और हमारी आयु को क्षीण न होने दे.
आइए जानें सोने के पूर्व किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.
घर की नींव रख रहें हैं तो ध्यान दें इन वास्तु की बातों का
- पूर्व की तरफ सिर करके सोने से बुद्धि प्राप्त होती है.
- पश्चिम की तरफ सिर करके सोने से मानसिक विकार प्राप्त होते है.
- उत्तर की तरफ सिर करके सोने से हानि होती है तथा आयु क्षीण होती है.
- दक्षिण की तरफ सिर करके सोने से आयु की वृद्धि होती है.
- दिन में नहीं सोना चाहिए, दिन में सोने से रोग उत्पन्न होते हैं. सुश्रुत संहिता के अनुसार सभी ऋतुओं में दिन में सोना निषिद्ध है, परन्तु ग्रीष्म ऋतु में दिन में सोना निषिद्ध नहीं है.
- सोने से पहले ललाट से तिलक और सिर से पुष्प का त्याग कर देना चाहिए.
- बांस या पलाश की लकड़ी से बने पलंग पर नहीं सोना चाहिए एवं सिर को नीचे लटका कर नहीं सोना चाहिए.