जानिए ई-वे बिल नियमों में आए बदलाव, कारोबारियों पर बढ़ेगी सख्ती…
नई दिल्ली : लगातार दो माह तक जीएसटी रिटर्न नहीं भरने वाले कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जहां वित्त मंत्रालय ने बताया कि रिटर्न नहीं भरने वाले कारोबारी 21 जून से माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल नहीं निकाल सकेंगे।
वहीं जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम के तहत कंपनियां अगर लगातार दो बार (छह महीने) रिटर्न दाखिल नहीं करती हैं तो वे भी ई वे बिल नहीं निकाल पाएंगी।
यहां मारे गए पूर्व मंत्री के ठिकानों पर आयकर के छापे
बता दें की इसके लिए जीएसटी नेटवर्क ने आईटी प्रणाली स्थापित की है। जहां इस प्रणाली के तहत निर्धारित अवधि में रिटर्न नहीं दाखिल करने वाली कंपनियों के ई-वे बिल निकालने पर रोक लग जाएगी।
लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से जीएसटी चोरी रोकने में मदद मिलेगी। बीते वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में जीएसटी चोरी या उल्लंघन के 15,278 करोड़ रुपये के 3,626 मामले सामने आए हैं।
वहीं वर्तमान में जीएसटी व्यवस्था के तहत कंपनियों को अगले महीने की 20 तारीख तक पिछले महीने का रिटर्न दाखिल करना होता है। वहीं कम्पोजिशन स्कीम का विकल्प चुनने वाले कारोबारियों को तिमाही के अंत के बाद अगले महीने की 18 तारीख तक रिटर्न दाखिल करना होता हैं।
दरअसल इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने ई-वे बिल प्रणाली में भी बदलाव किए हैं , जहां इन बदलावों में ई-वे बिल निकालने के लिए पिन कोड पर आधारित दूरी की ऑटो काउंटिंग और एक इनवॉयस पर एक से अधिक ई-वे बिल निकालने की प्रक्रिया को रोकना शामिल है।
वहीं नई प्रणाली में पिन कोड के आधार पर स्रोत और गंतव्य की दूरी की ऑटो काउंटिंग होगी। लेकिन प्रयोगकर्ता को माल के परिवहन के हिसाब से वास्तविक दूरी दर्ज करने की अनुमति होगी, लेकिन यह स्वत: निकाली गई दूरी से 10 फीसदी ही अधिक हो सकती है।
इसके अलावा सरकार ने एक इनवॉयस पर एक से अधिक बिल निकालने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है. यानी एक ही इनवॉयस नंबर से कोई भी पक्ष चाहे माल भेजने वाला हो या पाने वाला या ट्रांसपोर्टर एक से अधिक बिल नहीं निकाल सकेगा। जहां इस सुधरी प्रणाली में माल की आवाजाही के दौरान ई-वे बिल के विस्तार की अनुमति होगी।