जानिए इस लोकसभा चुनाव में भूतों ने नहीं दिया वोट , हुआ खुलासा…

चुनाव आयोग ने ये सफाई दी है। वहीं  कुछ मीडिया संस्थानों ने एक खबर छापी थी। लेकिन दावा किया था कि वोटर टर्न आउट या EVMs में दर्ज वोट और चुनाव के बाद EVM से की गई वोटों की गिनती में फर्क था। यानी जितने लोगों ने वोट डाला, काउंटिंग के दिन वो संख्या घट गई या बढ़ गई हैं।

 

वोट

 

 

इसे इस तरह समझिए, किसी लोकसभा सीट पर 10 लाख लोगों ने वोट डाला हैं। जिस दिन काउंटिंग हुई उस दिन या तो 10 लाख से कम वोट गिने गए या तो 10 लाख से ज्यादा ,  रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ऐसा कई सीटों पर हुआ हैं।

बंद पैकेट दूध पीने से शरीर को हो सकते हैं ये खतरनाक नुकसान

बता दें की क्विंट ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि EC के आंकड़े कहते हैं कि तमिलनाडु की कांचीपुरम सीट पर 12,14,086 वोट पड़े है। लेकिन रिजल्ट वाले दिन जब वोटों की गिनती हुई तो 12,32,417 वोट निकले हैं। यानी जितने वोट पड़े, गिनती में उससे 18,331 वोट ज्यादा निकले हैं। निर्वाचन आयोग के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है।

खबर छपने के बाद चुनाव आयोग का कहना है कि उसकी वेबसाइट पर डाले गए मतदान प्रतिशत के आंकड़े प्रोविजनल थे, जिन्हें बदला जाना था। जहां चुनाव आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि ईसीआई वेबसाइट पर मतदान का जो प्रोविजनल डेटा दिया गया है वह टेंटटिव है. यह फाइनल डेटा नहीं है।

दरअसल यानी चुनाव आयोग कह रहा है कि फाइनल वोटर टर्न आउट का जो डेटा वेबसाइट पर दिया गया है वह अंतिम नहीं है। चूंकि मतदान का डेटा अंतिम नहीं था, इसलिए ईवीएम में गिने जाने वाले वोट का मेल न खाना स्वभाविक है। लेकिन आयोग का कहना है कि अंतिम मतदान के आंकड़े जल्द ही जारी किए जाएंगे।

आयोग का कहना है कि पहले के चुनावों में भी प्रमाणिक डेटा एकत्र करने में महीनों लगते थे. 2014 में भी फाइलन डेटा कलेक्ट करने में दो से तीन महीने लग गए थे। लेकिन इस बार आयोग की पहल, इनोवेशन और आईटी की मदद से वोटिंग की गणना के अंतिम आंकड़े को रिजल्ट की घोषणा के कुछ दिनों के भीतर उपलब्ध कराया गया है।

चुनाव आयोग का कहना है कि राज्यों और सभी संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं के डेटा का सामंजस्य पूरा हो गया है। जहां सभी 542 लोकसभा सीटों के इंडेक्स फॉर्म रिटर्निंग अधिकारियों से जल्द ही ईसीआई तक पहुंचने की उम्मीद है। इन्हें कलेक्ट करने के बाद  तुरंत चुनाव आयोग द्वारा इन्हें सार्वजनिक किया जाएगा, इसलिए घोस्ट मतदाताओं को ढूंढना गलत है।

 

LIVE TV