30 जून 2019 की दोपहर एक व्यक्ति अचानक आसमान से लंदन के रिहायशी इलाके के एक बगीचे में गिरा। जब वो गिरा तो उसकी मौत हो चुकी थी लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उसके शव को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ‘वो कठोर बर्फ की तरह’ हो गया था।
ऐसा माना जा रहा है कि वो शख्स नैरोबी से हीथ्रो एयरपोर्ट आ रहे केन्या एयरवेज के विमान में लैंडिंग वाली जगह पर छिपकर बेटिकट सफर कर रहा था। विमान में लैंडिंग गियर का मतलब है पहियों और पार्ट्स के सेट की वो जगह जो लैंड करते वक्त खुलती है।
लेकिन जमीनी और समंदर के रास्ते बड़ी संख्या में लोग यूरोप जाने की कोशिश करते हैं लेकिन लैंडिंग गियर में छिपकर यात्रा करने का मामला बहुत कम ही सामने आता है। उड्डयन मामले की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार डेविड लीवरमाउंट का कहना है, “इस तरह की यात्रा में जिंदा बच पाना बहुत मुश्किल है। लीवरमाउंट ने बीबीसी को बताया, “लैंडिंग गियर की जगह छिपकर बिना टिकट यात्रा करने का सबसे बड़ा खतरा ये है कि टेक ऑफ के बाद जब पहिए अंदर आते हैं तो कुचल जाने का खतरा होता है।
देखा जाये तो इस जगह जलकर मौत होने का बड़ा खतरा होता है क्योंकि गर्मियों के दिनों में पहिए के ब्रेक का तापमान सबसे अधिक हो जाता है। अगर आप इससे भी बच गए तो आपको हाईपोथर्मिया यानी कम तापमान और ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ता है।
वहीं ये जगह केबिन की तरह वातानुकूलित नहीं होती है, इसलिए यहां का तापमान बिल्कुल अलग होता है। लंबी दूरी यात्राओं में हवाई जहाज बहुत ऊंचाई पर उड़ते हैं और ऐसी स्थिति में लैंडिंग गियर का तापमान -50 से -60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
खबरों के मुताबिक ये पहला मामला नहीं है जब हीथ्रो हवाई अड्डे के पास छिपकर हवाई यात्रा करने वाले किसी शख्स का शव आसमान से गिरा हो। जून 2015 में पश्चिमी लंदन के व्यावसायिक इलाके में एक छत पर एक शख्स का शव मिला। बाद में पता चला कि वो 427 मीटर की उंचाई से गिरा था। उसका सहयात्री बहुत गंभीर अवस्था में पाया गया। ये दोनों ब्रिटिश एयरवेज से जोहांसबर्ग से छिपकर यात्रा कर रहे थे।
इसके तीन साल पहले सितंबर 2012 में मोजांबिक के एक शख्स का शव लंदन की एक सड़क पर पाया गया। अंगोला से हीथ्रो आने वाली एक उड़ान से वो गिरा था। उसी साल एक और व्यक्ति की हीथ्रो के पास गिर कर मौत हो गई जो केपटाउन से आने वाले विमान में छिपकर यात्रा कर रहा था।
दरअसल लीयरमाउंट कहते हैं, “टेक ऑफ के पहले पूरे विमान की जांच की जाती है। आम तौर पर ये जांच ग्राउंड स्टाफ, क्रू मेंबर या कभी कभी दोनों की ओर से की जाती है। इसलिए ऐसे मामलों में बिल्कुल अंतिम समय में ही कोई यहां छिपकर बैठ सकता है।