जानिए अब देश में कारोबार करना होगा बेहद ही आसान, सरकार उठाने जा रही है ये नए कदम

नई दिल्ली : ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार कारोबारियों के लिए जल्द ही एक नई सुविधा को शुरू करने जा रही है। इससे कोई भी नया कारोबार शुरू करने के लिए व्यापारियों को केवल तीन दिन का समय लगेगा।
कारोबार
बता दें की केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) का मकसद है कि ईज ऑफ डूइंग के मामले में देश को टॉप 50 देशों के अंदर लेकर के आना है।
जहां इसके लिए विभाग एक सिंगल विंडो सिस्टम के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। अगर यह सुविधा देश में शुरू हो जाती है तो फिर कारोबारी सुगमता में देश की रैंकिंग काफी बढ़ सकती है।
खबरों के मुताबिक अब नए कारोबारियों के लिए पैन नंबर, टैक्स अकाउंट नंबर (टैन), जीएसटी रजिस्ट्रेशन, ईपीएफओ और ईएसआई जैसी जरूरी चीजों के लिए तीन दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस पूरा हो जाएगा।
जहां इसके लिए सरकार जल्द ही सिंगल विंडो सिस्टम को शुरू करने जा रही है। अभी इनके लिए ही कारोबारियों का काफी समय बर्बाद हो जाता है। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्यों के बीच एक पुल बनाने का काम शुरू होगा, जिससे इनके लिए कारोबारियों को किसी तरह की देरी न हो।
अगर देश को कारोबारी सुगमता में शीर्ष 50 देशों में अपनी जगह बनानी है तो फिर 27 पायदान की छलांग लगानी होगी। फिलहाल देश 77वें पायदान पर है। पिछले दो सालों में भारत इस मामले में 53 पायदान का उछाल ले चुका है।
वहीं चीन 27 पायदान पीछे चला गया है। वर्ष 2014 में कारोबार सुगमता के मोर्चे पर भारत 142वें स्थान पर था, जबकि अब हम 77वें स्थान पर हैं। विश्व बैंक कारोबार सुगमता के मामले में सालाना 190 देशों की रैंकिंग करता है, ताकि दुनिया भर के निवेशकों को सही स्थिति का पता चल सके।
अभी किसी व्यक्ति को कंपनी खोलने के लिए कंपनी के नाम को लेकर के सबसे बड़ी दिक्कत होती है। इसके अलावा दूसरे विभागों से भी मंजूरी मिलने में कई बार देर हो जाती है। कारोबार सुगमता की रैंकिंग में इस बड़ी उछाल के तीन संकेतक हैं-भारत ऊर्जा पैदा करने वाले शीर्ष 25 देशों में शामिल हो चुका है।
सौ फीसदी गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है। व्यापार के लिए व्यवसायियों और उद्यमियों को बैंकों से ऋण मिलना आसान हो गया है। कंस्ट्रक्शन परमिट के लिए अब ज्यादा समय नहीं लगता।

हर साल जारी होती है रैंकिंग

विश्व बैंक हर साल आसान कारोबार वाले देशों की सूची जारी करता है। इसमें कुल 190 देश होते हैं। इस रैंकिंग में देशों को कई पैमाने पर आंका जाता है। भारत ने वर्ष 2003 से अब तक 37 बड़े सुधार लागू किए हैं।
बीते वर्ष इस रिपोर्ट में दिल्ली और मुंबई को शामिल किया गया था। रिपोर्ट में किसी कारोबार को शुरू करना, कंस्ट्रक्शन परमिट, क्रेडिट मिलना, छोटे निवेशकों की सुरक्षा, टैक्स देना, विदेशों में ट्रेड, अनुबंध लागू करना और दिवालिया शोधन प्रक्रिया को आधार बनाया जाता है।

दरअसल  विशेषज्ञों का मानना है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिग में सुधार होने से देश की अर्थव्यवस्था को सहारा मिलने के साथ विदेशी निवेश बढ़ने से शेयर बाजार में भी तेजी आएगी। जिससे निवेशकों को इन्वेस्टमेंट पर मोटे रिटर्न मिलेंगे। इसके साथ ही विदेशी निवेश बढ़ने से देश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

 

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