“राजीव गांधी फाउंडेशन को जाकिर ने दी थी रिश्वत”

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि जाकिर नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन को 50 लाख रुपये का चंदा फाउंडेशन की अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए ‘रिश्वत’ के तौर पर दी गई थी। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस अब कह रही है कि उसने पैसे लौटा दिए थे, जबकि आईआरएफ ने कहा कि उसे पैसा मिले ही नहीं। मेरा सवाल है कि जब सुरक्षा एजेंसियों ने जाकिर नाईक के पीस टेलीविजन के बारे में नकारात्मक रपट दी थी, फिर साल 2012 में कांग्रेस ने खुद पैसे क्यों नहीं वापस किए।”

फाउंडेशन

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री पी.चिदंबरम, राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वढेरा इसके सदस्य थे।

चार अक्टूबर, 2012 को तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संसद में कहा था कि सुरक्षा एजेंसियों ने अवैध 24 विदेशी चैनलों की पहचान की है, जिन पर परोसी जा रही सामग्री आपत्तिजनक है और यह सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकता है।

प्रसाद ने कहा, “नाईक का पीस टेलीविजन भी उसमें शामिल था। कांग्रेस ने साल 2012 में खुद उसके पैसे क्यों नहीं लौटाए?”

उन्होंने यह भी जानने की मांग की कि क्या राजीव गांधी फाउंडेशन विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत विदेशी रकम लेने के लिए विधिवत पंजीकृत है।

मंत्री ने कहा कि आईआरएफ को किसी अन्य गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) को फंड देने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा, “हमें इस बात पर क्यों चिंता नहीं जतानी चाहिए कि आईआरएफ द्वारा दी गई 50 लाख रुपये की भारी रकम देश विरोधी गतिविधियों व अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए थी।”

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