जाकिर नाईक पर बांग्लादेश ने भी कसा शिकंजा

जाकिर नाईक

ढाका। बांग्लादेश सरकार ने रविवार को विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ द्वारा संचालित मुंबई के टीवी चैनल ‘पीस टीवी’ के प्रसारण पर रोक लगाने का फैसला किया है। सूचना मंत्री हसनुल हक इनु ने कहा है कि उनका मंत्रालय मामले का मूल्यांकन करेगा और सोमवार को चैनल के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए प्रशासनिक कदम उठाएगा।

वेबसाइट ‘बीडी न्यूज 24 डॉट कॉम’ की रपट के मुताबिक, कानून-व्यवस्था पर मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा विवादास्पद चैनल पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के कुछ घंटों बाद हक ने कहा, “प्रशासनिक निर्णय लेने से संबंधित कुछ मुद्दे हैं आज हमारे पास समय नहीं है। मैं सोमवार सुबह से प्रशासनिक कदम उठाने पर विचार करूंगा।”

हक ने कहा, “पीस टीवी मुस्लिम समाज, कुरान, सुन्नत, हदीस, बांग्लादेश के संविधान, हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज और अनुष्ठानों के असंगत है।”

पीस टीवी पर यह प्रतिबंध बांग्लादेश में हाल ही में एक के बाद हुई कई आतंकवादी घटनाओं के मद्देनजर लगाया गया है।

ढाका के राजनयिक इलाके ‘गुलशन’ में स्थित एक स्पेनिश रेस्तरां में एक जुलाई को हुए आतंकवादी हमले के सात हमलावरों में से दो इस्लामिक प्रचारक नाईक के भाषणों से प्रेरित थे।

इस जघन्य हमले में 18 विदेशी नागरिकों और दो पुलिसकर्मियों सहित 22 लोग मारे गए थे। सुरक्षा बलों ने 12 घंटे के बंधक संकट के बाद बचाव अभियान को सफलतापूर्वक समाप्त किया था, जिसे ‘ऑपरेशन थंडरबोल्ट’ नाम दिया गया था।

उद्योग मंत्री आमिर हुसैन अमु ने कहा, “हमने देशभर में चैनल के प्रसारण पर रोक लगाने का फैसला किया है।”

भारत सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि नाईक के भाषणों की जांच की जा रही है और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमने जाकिर नाईक के भाषणों का संज्ञान ले लिया है और इस मामले में जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं।”

 

मुंबई निवासी नाईक ने कहा है कि वह इस बात से ‘पूरी तरह इंकार’ करता है कि उसने ढाका में आतंकवादी हमले के लिए प्रेरित किया है।

नाईक ने एक बयान में कहा, “मेरा कोई भी ऐसा भाषण नहीं है, जिसमें मैंने एक-दूसरे की हत्या के लिए प्रोत्साहित किया है, चाहे वे मुस्लिम हों या गैर मुस्लिम।”

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