वाटर टैंकर घोटाले में कपिल मिश्रा से पूछताछ

जलमंत्री कपिल मिश्रानई दिल्ली| भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने सोमवार को 400 करोड़ रुपये का वाटर टैंकर घोटाला मामले में दिल्ली के जलमंत्री कपिल मिश्रा से दो घंटे पूछताछ की। मिश्रा ने कहा कि पूछताछ के दौरान उनसे एक भी बार पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के इस मामले में संलिप्तता के बारे में नहीं पूछा गया।

जलमंत्री कपिल मिश्रा की सफाई

जलमंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि एसीबी का पूरा ध्यान उन्हें या वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस मामले में आरोपी साबित करने पर था।

जून में भेजे गए नोटिस की प्रतिक्रिया में मिश्रा अपने समर्थकों के साथ दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके में स्थित एसीबी कार्यालय पहुंचे।

ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए जलमंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि उनसे एसीबी के छह अधिकारियों ने पूछताछ की, जिसमें पुलिस उपायुक्त, पुलिस के दो सहायक आयुक्त और तीन इंस्पेक्टर शामिल थे।

मिश्रा ने ट्वीट किया, “शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान की यह पूरी रपट है, लेकिन उनके बारे में एक भी सवाल नहीं किया गया। यह पूछताछ पूरी तरह मुझ पर या केजरीवाल पर केंद्रित थी।”

अपने एक अन्य ट्वीट में मिश्रा ने कहा, “एक पुलिस उपायुक्त, दो सहायक पुलिस आयुक्त और तीन निरीक्षक, मैंने उनसे पूछा कि क्या आपने मेरे द्वारा शीला दीक्षित के खिलाफ भेजी गई रपट पढ़ी है, जिस पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस पर उनमें से सिर्फ एक को छोड़कर सभी ने ना कहा।”

आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने 2012 में शीला के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा 385 स्टेनलेस स्टील के पानी के टैंकरों को खरीदने में हुई कथित अनियमितताओं की जांच को लेकर एक पांच सदस्यीय समिति का गठन जून 2015 में किया था।

अपने एक अन्य ट्वीट में जलमंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, “ऐसा लग रहा है कि एसीबी शीला को क्लीन चिट देने के लिए तैयार है। उन्हें इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री को बचाने और केजरीवाल को आरोपी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।”

एसीबी कार्यालय के लिए निकलने से पहले मिश्रा ने केंद्र सरकार पर शीला को बचाने का और कांग्रेस से इस संदर्भ में सौदे का आरोप लगाया था।

अपने ट्वीट में मिश्रा ने कहा, “मोदी जी हमने आपको शीला दीक्षित के खिलाफ सारे सबूत दिए थे। फिर आप उन्हें क्यों बचा रहे हैं? आपका कांग्रेस के साथ क्या सौदा हुआ है?”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “एसीबी और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) आपके नियंत्रण में हैं। यदि आपको हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मिलते हैं तो हमें जेल में डाल दें, पर आप उन सबूतों को क्यों दबा रहे हैं, जो हमने आपको शीला दीक्षित के खिलाफ दिए हैं।”

समिति ने शीला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और इसकी जांच सीबीआई तथा एससीबी द्वारा किए जाने की अनुशंसा की थी।

एसीबी ने वाटर टैंकर घोटाले में 20 जून को शीला के साथ ही केजरीवाल के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की थी।

केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर दर्ज की गई थी। उन्होंने इस मामले की जांच में देरी और वाटर टैंकर का ठेका रद्द नहीं करने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ शिकायत की थी।

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