जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पंचायत सदस्यों को अमित शाह(Amit Shah) का तोहफा, कर दिया ये बड़ा ऐलान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए एक बड़ा ऐलान कर दिया है. अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में चुने जाने वाले नवनिर्वाचित पंचायत सदस्यों को दो-दो लाख रूपये का बीमा कराया जायेगा.

जम्मू कश्मीर और लद्दाख को विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद यहाँ अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद यहाँ अपने प्रतिनिधियों के साथ पहली बैठक की है.

बैठक के दौरान गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र में सामान्य स्थिति हो जाने पर पूर्ण रूप से संचार बहाल करने का आश्वासन भी दिया.

अमित शाह (Amit Shah)

शाह ने अपने उत्तरी ब्लॉक कार्यालय में पंचों और सरपंचों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. अनुच्छेद-370 को हटाते हुए राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया है. इसमें जम्मू एवं कश्मीर (विधानसभा के साथ) व लद्दाख (बिना विधानसभा) शामिल हैं. इसके बाद से ही एहतियात के तौर पर जम्मू एवं कश्मीर में मोबाइल और इंटरनेट संचार पर प्रतिबंध लगा दिया गया.

गृह मंत्री के साथ बैठक के बाद एक पंचायत सदस्य मीर जुनैद ने कहा, “गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में प्रत्येक पंच और सरपंच को दो लाख रुपये का बीमा प्रदान करने का आश्वासन दिया है.” केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार और कश्मीर डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित रहे.

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बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के ही रहने वाले मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को जम्मू-कश्मीर में फैली गलत सूचनाओं से गुमराह नहीं होने के लिए कहा. उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि जल्द ही एक समय आएगा जब किसी को सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होगी और जम्मू एवं कश्मीर में हर जगह शांति होगी.

जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरपंचों ने गृह मंत्री को आश्वासन दिया है कि वे बीडीसी (खंड विकास परिषद) चुनावों में पूरे उत्साह के साथ भाग लेंगे. परिषद के चुनाव अगले दो महीनों में होने वाले हैं. मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अब प्रत्येक गांवों में चार से पांच युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा, “सरकार सरपंचों के माध्यम से गांवों के लोगों तक पहुंचेगी. लोगों की प्राथमिकताएं जरूरत के आधार पर तय की जाएंगी.”

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