जजों के सामने टकराए केजरीवाल और रविशंकर, बचाव करने पहुंचे पीएम मोदी
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के गोल्डन जुबली समारोह में सीएम अरविंद केजरीवाल ओर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के बीच जजों के सामने ‘टकराव’ सामने आया। गनीमत रही कि इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी बातों से माहौल हल्का कर दिया। समारोह में चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग भी मौजूद थे।
जजों के सामने टकराव
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि जजों का फोन टेप हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने दो जजों को बात करते सुना है कि फोन टैपिंग हो रही है। अगर यह सच है तो न्यायपालिका पर इससे बड़ा हमला क्या होगा।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने जजों को भरोसा दिलाया है कि ऐसा नहीं होगा।’
If any judge has done something wrong, even then phone tapping shouldn't happen. There are many other ways to gather evidence: Delhi CM pic.twitter.com/vo44utf9XU
— ANI (@ANI) October 31, 2016
केजरीवाल ने न्यायपालिका में रिक्तियों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए यह अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को सूची भेजी, लेकिन केंद्र सरकार ने पद नहीं भरे। नियम यह होना चाहिए कि कॉलिजियम की सिफारिश आते ही 48 घंटे में केंद्र लागू करे।
केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जजों की फोन टैपिंग की बात पूरी तरह गलत है। केन्द्र सरकार न्यायपालिका की आजादी के लिए प्रतिबद्ध है। यह हमारा मूल दायित्व है।
उन्होंने कहा कि कोर्ट की संवैधानिक पीठ का ही जजमेंट है कि कॉलिजियम सिस्टम में सुधार होना चाहिए। सरकार उसे लेकर काम कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के साथ मिलकर सुधार की कोशिश कर रही है।
बात बिगड़ती दिखी तो प्रधानमंत्री ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा, ‘कोर्ट जाने का कभी सौभाग्य नहीं मिला, लेकिन सुना है वहां गंभीरता से काम होता है। यहां का माहौल देखकर समझ गया, कुछ तो मुस्कुराइए। हाईकोर्ट के 50 साल पूरे हुए, हर व्यक्ति का योगदान रहा है, परिसर में चाय वाले का भी योगदान रहा होगा।’
उन्होंने कहा कि न्याय का क्षेत्र अब विस्तृत हो चुका है। कोर्ट के सामने बड़ी चुनौतियां आ गई हैं। अदालतों से गरीब लोगों को न्याय मिलता है तो उसे संतोष होता है।
वहीं, चीफ जस्टिस ठाकुर ने कहा,’ मैं जजों को कहना चाहता हूं कि ऐसे मामलों को जिनका न्याय प्रक्रिया से लेना-देना न हो, उनसे दूर रहें। सब तेजी से न्याय देने के लिए प्रयासरत रहें। किसी इंसान की जिंदगी में 50 साल बहुत होते हैं, लेकिन देश के लिए या किसी संस्थान के लिए 50 साल बहुत ज्यादा नहीं होते।’ उन्होंने अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि सीएम न्यायपालिका के लिए हर तरीके से मदद करने को तैयार हैं, यह सुनकर मुझे खुशी मिली है।