छेड़छाड़ से परेशान एक दलित युवती ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पुलिस नहीं कर रही थी कार्यवाई !

रिपोर्ट – निखिल शुक्ला

कानपुर देहात : पुलिस की गैर जिम्मेदाराना हरकत ने ले ली दलित छात्रा की जान | पहली शिकायत पर होती शोहदों पर कार्यवाही तो जिंदा होती छात्रा |

जी हां शोहदों से परेशान छात्रा ने अपने घर मे फाँसी लगा कर आत्महत्या कर ली | इससे पहले इन शोहदों की लिखित शिकायत थाने में की गई | लेकिन इनके रसूक के चलते कोई भी कार्यवाही इन आरोपियों पर नही की गई| अगर आज पुलिस यह कार्यवाही करती तो शायद दलित नाबालिग छात्रा जिंदा होती |

योगी जी लाख दावे मित्र पुलिस के करते रहें, पर इसकी जमीनी हकीकत कभी भी बदलने वाली नही है | इसी मित्र पुलिस का शिकार हुई एक दलित छात्रा जिसने अपनी जान देकर अपने आप को महफूज करना ज्यादा बेहतर समझा |

क्योंकि जनता की मित्र कही जाने वाली पुलिस अपना रवैया शायद कभी नही बदलेगी और यूं ही महिलाएं और छात्राएं जान देती रहेंगी |

मामला कानपुर देहात जिले के अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र का है | जहां रामऔतार की बेटी को मौहल्ले में रहने वाले दोनों लड़के आए दिन छेड़छाड़ किया करते थे |

10/04/2019 को राम औतार ने चौकी में लिखित शिकायत दी थी कि उस की बेटी को मौहल्ले के दो लड़के रवि व राहुल रात में घुसे और उस के साथ जबरन दुष्कर्म करने का प्रयास किया नाबालिक छात्रा की चीख पुकार सुनकर घर के लोग जागे तब तक आरोपी वहाँ से भाग गए |

लेकिन तब इस शिकायत पत्र को पुलिस ने अनदेखा कर दिया और आंखे बंद करके टाल दिए जिसके बाद शोहदों के हौसले इतने बढ़े कि वह आए दिन छेड़छाड़ करने लगे इसके बाद भी पुलिस में शिकायत की गई |

लेकिन कोई भी कार्यवाही नही हुई | अपने को दलित समझ और कार्यवाही न होता देख अपनी इज्जत को आए दिन बे आबरू होता देख आज उस नाबालिग छात्रा ने फांसी लगा ली |

जिसके बाद जैसे ही पुलिस को इस मामले की भनक लगी और अपना बचाव कर पुलिस ने तत्काल मृतक के भाई से तहरीर लेकर उन दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया लेकिन आरोपी आज भी खुले आम घूम रहे हैं |

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वही अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार की मानें तो मामला संज्ञान में आते ही प्रभारी निरीक्षक को निर्देशित कर दिया गया है और जो भी दोषी है उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी |

बहरहाल, यह कोई पहला मामला नही है कि शोहदों से परेशान हो कर छात्रा ने अपनी जान दी हो लेकिन सवाल यह है कि सरकार कोई भी हो लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के दावे जरूर करती है |

1090 से लेकर योगी सरकार की रोमियो स्कॉड कहाँ है जो कभी दिखाई ही नही देती जिसका खामियाजा भुगतते हुए एक दलित छात्रा ने अपनी जान दे दी | लेकिन माँ बाप का एक सवाल है कि मेरी बेटी का कसूर क्या था और उस की मौत का जिम्मेदार कौन है?

 

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