छत्तीसगढ़ में बड़ा फेर बदल कर सकती है बीजेपी, कट सकते हैं सभी मौजूदा सांसदों के टिकट…

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार का ठीकरा राज्य के सांसदों के सर फूटा है। खबर है कि पार्टी छत्तीसगढ़ के सभी दस मौजूदा सांसदों का टिकट काटेगी।

छत्तीसगढ़ यूनिट ने नए प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए केन्द्रीय चुनाव समिति से एक दिन का समय मांगा है।

पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को राज्य के 11 सीटों में से 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। उसे केवल दुर्ग सीट पर हार का सामना करना पड़ा था।

छत्तीसगढ़ में बड़ा फेर बदल कर सकती है बीजेपी,

छतीसगढ़ प्रभारी भाजपा नेता अनिल जैन ने कहा कि क्षेत्र से सांसदों के बारे में जो जानकारी मिली है, उसके तहत ही पार्टी ने यह कड़ा फैसला लिया है।

माना जा रहा है कि कुछ अन्य राज्यों में भी जहां सांसदों का प्रदर्शन औसत से कम रहा है, वहां पार्टी इसी तरह से कड़े फैसले ले रही है।

यूपी में पहले ही लगभग एक तिहाई नामों को काटे जाने की चर्चा चल रही है। मानक के रूप में पार्टी के अपने आंतरिक सर्वे, आईबी रिपोर्ट और आरएसएस के द्वारा किये गये सर्वे को आधार बताया जा रहा है।

प्रत्याशियों का भाग्य निर्धारित करने के मामले में पीएम नमो एप्प से प्राप्त फीडबैक पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। जिस सांसद की रिपोर्ट नमो एप्प पर नकारात्मक आई है, उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी का केन्द्रीय कार्यालय इस समय बेहद व्यस्त है। पार्टी के शीर्ष नेता लगातार उम्मीदवारों के नाम पर फैसला ले रहे हैं। बारी-बारी से सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों, महामंत्रियों और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ केन्द्रीय नेता बैठक कर रहे हैं।

मंगलवार को भी केन्द्रीय कार्यालय पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और कुछ अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों के उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई। सबसे अंत में उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों पर चर्चा की गई है।

हर राज्य की सीटों के बारे में केन्द्रीय चुनाव समिति में चर्चा से पहले उस पर कोर कमेटी में चर्चा की जा रही है। कोर कमेटी में राज्य के प्रमुख नेताओं के आलावा केन्द्रीय पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।

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भाजपा सूत्रों के मुताबिक़ प्रधानमंत्री स्वयं एक-एक सीट पर मंथन कर रहे हैं। नमो एप्प के जरिये जिन सांसदों के बारे में नकारात्मक रिपोर्ट आई है, उन्हें बारीकी से खंगाला जा रहा है।

किसी भी सांसद के बारे में प्राप्त कुल रिपोर्ट में आधी नकारात्मक होने पर सांसदों का टिकट काटने की कठोर रणनीति अपनाई गई है।

छत्तीसगढ़ के बारे में कड़ा फैसला लेने के पीछे भी इसे अहम वजह बताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बारे में भी पार्टी से इसी तरह के संकेत मिले हैं।

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