छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब बंदी को लेकर उठाए ये अहम कदम

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में शराबबंदी के लिए तीन समितियों का गठन किया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज बताया कि राज्य में शराबबंदी के लिए तीन समितियों का गठन किया गया है। इनमें से एक समिति शराबबंदी वाले राज्यों का अध्ययन करेगी। दूसरी समिति सामाजिक संगठनों की है तथा तीसरी समिति में राज्य के प्रमुख दलों के विधायक हैं जो शराबबंदी की अनुशंसा करेंगे।

शराबबंदी

अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन ने सचिव वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग की अध्यक्षता में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए समिति गठित की है। यह समिति ऐसे राज्य जहां पूर्व में शराबबंदी लागू की गई थी या वर्तमान में पूर्ण शराबबंदी लागू है, वहां शराबबंदी के कारण राज्य में आए आर्थिक, सामाजिक एवं व्यावहारिक परिवर्तनों का अध्ययन करेगी।

इस समिति में सदस्य के रूप में विषय विशेषज्ञ पी.के. शुक्ला, जशपुर जिले के बब्रुवाहन, सामाजिक कार्यकर्ता शमशाद बेगम, नशा मुक्ति अभियान से जुड़े मनीष शर्मा, अजय कुमार तथा अमितेष कुमार सिंह, एचआरसी नई दिल्ली के सेवानिवृत्त संचालक जे. पी. मिश्रा, रायपुर के डाक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक विवेक चौधरी तथा सेवानिवृत्त वाणिज्यिक कर अधिकारी सोनाराम शोरी को शामिल किया गया है। वहीं, आबकारी विभाग के संयुक्त सचिव चंद्रकांत उइके को सदस्य सचिव के रूप में शामिल किया गया है।

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अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी के संबंध में अनुशंसा करने के लिए सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की समिति का गठन किया है। सचिव वाणिज्यिक कर (आबकारी) के संयोजन में गठित इस समिति में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। यह समिति राज्य में पूर्ण शराबबंदी के लिए अनुशंसा करेगी।

वहीं, राज्य सरकार ने रायपुर ग्रामीण क्षेत्र के विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में शराबबंदी के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों के विधायकों की समिति का भी गठन किया है। इस समिति में भारतीय जनता पार्टी के दो सदस्य, बहुजन समाज पार्टी के एक, जनता कांग्रेस पार्टी के एक सदस्य और कांग्रेस के आठ सदस्य शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था।

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