चोरी की इस मामूली घटना ने प्रेसिडेंट की कुर्सी छीन ली , जाने कैसे…

रात का पहर. चारों ओर सन्नाटा. वॉशिंग्टन डीसी की सुनसान सड़क पर अचानक से पांच आदमी दिखाई देते हैं. पांचों वॉटरगेट हॉटेल कॉम्प्लेक्स में घुसते हैं. मकसद था डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के ऑफिस में स्पाइंग डिवाइस लगाना. कुछ देर बाद वहां पुलिस आ धमकती है. उन्हें पकड़ लिया जाता है. पांचों पर चोरी का मुकदमा दर्ज होता है.

 

चोरी

 

बतादें की ये टॉम क्रूज़ की किसी मूवी का सीन नहीं है. बल्कि असली वाकया है. ये वॉटरगेट स्कैंडल का शुरुआती सीन था. ये कोई आम कहानी नहीं है. ये देखने, सुनने में एक चोरी का मामला ज़रूर लग रहा था.

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वहीं मगर जैसे ही इन्वेस्टिगेशन शुरू हुई, अमेरिका में ज़लज़ला आ गया. कई बड़े लोगों के नाम सामने आए. मामला इतना बढ़ा कि उस समय अमेरिका के प्रेजीडेंट रिचर्ड निक्सन को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा.

देखा जाये तो  हमने आपको बताया था, पांच लोग डेमोक्रेटिक नेशनल पार्टी के ऑफिस में पकड़े गए थे. ये इन चोरों की दूसरी घुसपैठ थी. वो लोग वहां किसके कहने पर गए थे? क्या मकसद था उनका? कौन-कौन शामिल था इसमें? और ये चोर पकड़े कैसे गए?

वो लोग पहले भी एक बार उस जगह गए हुए थे. रिकॉर्डिंग डिवाइसेस लगाने. मकसद था डेमोक्रेट्स के नेताओं की बातचीत रिकॉर्ड करना. कुछ दिन बाद चोरों को खबर मिली की डिवाइसेस काम नहीं कर रहें हैं. तो वो लोग पहुंच गए टेक्नीकल प्रॉब्लम ठीक करने. बिल्डिंग के बहुत से दरवाजों पर लॉक के पास टेप लगी हुई थी. किसलिए? आपने ये नोटिस किया होगा कि दरवाजा कई बार बंद करने पर आवाज करता है.

लेकिन रात को दरवाजा आवाज न करे इसलिए सफाई कर्मचारी ऐसी टेप लगाते थे. चोरों ने वैसी ही टेप ऑफिस के दरवाजे पर लगा दी. पहरा देने वाले गार्ड ने उस टेप को निकाल दिया. जब गश्त के अगले राउंड पर वो आया तो देखा, टेप फिर से दरवाजे पर है. इस बार उसका दिमाग ठनका. क्योंकि टेप हमेशा सफाई कर्मचारी लगाते थे. इतनी रात को कोई था नहीं, तो फिर टेप लगाई किसने? उसे डाउट हुआ और उसने तुरंत पुलिस को खबर कर दी. आननफानन पुलिस वहां पहुंची और चोर पकड़े गए.

दरअसल जब उन लोगों को गिरफ्तार किया गया, यो टेलीफोन्स से छेड़खानी कर रहे थे. पूछताछ में सारा मामला क्लियर हुआ. इन पांच लोगों के पास से 10 मिलियन डॉलर कैश और कुछ बिल्स मिले. उन पांच चोरों के नाम थे, वरजिलियो गोंजालेज़, बर्नार्ड बारकर, जेम्स डब्ल्यू मैकॉर्ड, यूजेनियो मार्टिनेज़ और फ्रैंक स्टरगिस.

चोरी के अगले दिन अमरीका के फेमस न्यूज़पेपर वॉशिंग्टन पोस्ट में चोरी की खबर छपी. इस न्यूज़पेपर के दो पत्रकार बॉब वुडवर्ड और कार्ल बर्नस्टीन इस खबर की छानबीन कर रहे थे. उनका सोर्स ‘डीप थ्रोट’ नामक एक आदमी था, जिसका दावा था कि वो इस केस से जुड़ी सारी सच्चाई जानता था.

उसकी पहचान छुपाने के लिए जर्नलिस्ट जोड़ी ने उसका नाम ‘डीप थ्रोट’ रखा था. ये सारी खुफिया खबरें इन तक पहुंचाता था. वॉटरगेट स्कैंडल के 30 साल बाद 2005 में पता चला कि ये ‘डीप थ्रोट’ कोई और नहीं FBI के डिप्टी डायरेक्टर विलियम मार्क फैल्ट थे. जो छिपकर बॉब वुडवर्ड और कार्ल बर्नस्टीन को सारी अंदरूनी खबरें दिया करते थे.

 

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