चुनाव में करारी हार के बाद भी बस्तर सीट की जीत पर इतना खुश क्यों है कांग्रेस ?

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस चाहकर भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी. 543 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ 52 सीटें ही जीतने में कामयाब हो सकी.

वहीं, बीजेपी ने प्रचंड जीत दर्ज करते हुए 303 सीटों पर कब्जा जमा लिया. लेकिन बुरी तरह हारने के बावजूद छत्तीसगढ़ कांग्रेस नक्सल प्रभावित बस्तर सीट की जीत से काफी संतुष्ट और खुश है.

कांग्रेस अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित इस सीट से पहली बार संसदीय चुनाव जीती है. इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज ने बीजेपी के बैदुराम कश्यप को 38,982 वोटों के अंतर से हराया है.

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को आशा थी कि वह विधानसभा चुनावों का प्रदर्शन दोहराएगी और 11 संसदीय सीटों में से ज्यादातर उसके हिस्से में आएंगी. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 साल के भाजपा शासन को खत्म कर प्रदेश में सरकार बनायी थी.

लेकिन आशा के विपरीत राज्य की 11 संसदीय सीटों में से कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ दो कोरबा और बस्तर आयी हैं. अन्य नौ भाजपा के हिस्से में गयी हैं. अगर लोकसभा चुनावों की बात करें तो पिछले चार चुनावों में यह कांग्रेस का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

 

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इससे पहले के तीन संसदीय चुनावों में कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट मिली थी. राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा, “हमने आदिवासी उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित बस्तर और कांकेर सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया.

यह दीगर है कि हम सिर्फ बस्तर सीट ही जीत सके, और महज 6,917 वोटों के अंतर से कांकेर हार गए.  मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सीटों की संख्या बढ़ाकर दो कर ली है.”

उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि पार्टी ने नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद पहली बार सुरक्षित लोकसभा सीट जीती है.” गौरतलब है कि बस्तर चुनावों से पहले नक्सलवादियों ने भाजपा विधायक भीमा मांडवी और चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी.

 

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