चुनाव नतीजों में बदले ये अनुमान तो हो सकते हैं देश की सियासत में बड़े बदलाव

नई दिल्ली : एनडीए 339 से 365 सीटें. ये 23 मई की उस पिक्चर का ट्रेलर है, जिसमें नरेंद्र मोदी फिर से भारतीय राजनीति के सुपरहीरो बनने जा रहे हैं। जहां  इस बार नरेंद्र मोदी की लहर नहीं सुनामी है।

 

 

मोदी

 

 

लेकिन इसके सामने ना कोई गठबंधन टिकेगा और ना विपक्ष का कोई गणित हैं। ऐसा लग रहा है कि लगातार दूसरी बार नरेंद्र मोदी, विपक्ष को पूरी तरह से ध्वस्त करने जा रहे हैं।  जहां अगर ये अनुमान 23 मई को नतीजों में बदल जाता है तो देश की सियासत में कई अहम बदलाव संभव हैं।

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बता दें की इस चुनाव में जिस तरह से विपक्ष ने एकजुट होकर नरेंद्र मोदी को टक्कर देने में जोर लगाया था ,  उससे यही लग रहा था कि इस बार शायद बीजेपी बहुमत के आंकड़े से दूर रह जाए, लेकिन एग्जिट पोल के अनुमान ये साबित कर रहे हैं कि मोदी है तो कुछ भी मुमकिन है।

लेकिन अनुमान अगर सही साबित होते हैं तो आने वाले पांच सालों में पीएम मोदी की छवि और मजबूत हो जाएगी। जहां नोटबंदी, जीएसटी की तरह आने वाले पांच सालों में मोदी और भी बड़े फैसले ले सकते हैं।

दरअसल अनुमानों से साफ है कि देश में मोदी सुनामी है। जहां इस सुनामी के सुपरहीरो पीएम नरेंद्र मोदी हैं तो हीरो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह. अपने बूथ मैनेजमेंट को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले अमित शाह पर मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की हार पर जो सवाल उठ रहे थे, वह खामोश हो जाएंगे और एक बार फिर उनके चाणक्य नीति की हर जगह तारीफ होगी। लेकिन आने वाले पांच साल में अमित शाह का कद मोदी सरकार पार्ट-2 में काफी बड़ा हो सकता है।

 

लेकिन  एग्जिट पोल के बाद भले ही विपक्ष 23 मई तक इंतज़ार करने को कह रहा है और अपनी उम्मीदें 23 मई के दिन पर लगाए है, लेकिन एक ट्रेंड तो एग्जिट पोल्स से दिख ही गया है कि नरेंद्र मोदी के नाम को टक्कर देने वाला इस वक्त भारतीय राजनीति में कोई नहीं है. यूपी जैसे राज्य में जहां मायावती और अखिलेश ने बड़ी चुनौती दी थी, वहां पर नरेंद्र मोदी इस चुनावी जोड़ी को बुरी तरह से ध्वस्त करते दिख रहे हैं।

जहां अनुमानों से साफ है कि विपक्ष के लिए मोदी सुनामी एक चिंता की बात बन गई है। वहीं  चिंता की बात उन गठबंधनों के लिए भी है, जो मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए बनाए गए थे।जहां इनका भविष्य खतरे में है।

अनुमानों से सबसे ज्यादा बेचैनी कांग्रेस में हो सकती है. कांग्रेस ने यह चुनाव काफी आक्रामक तरीके से लड़ा था. राहुल गांधी के साथ ही प्रियंका गांधी ने राजनीति में आधिकारिक एंट्री लेने के बाद मोदी सरकार को हर जगह घेरा, लेकिन एग्जिट पोल के अनुमान बता रहे हैं कि भाई-बहन की यह जोड़ी मोदी के विजय रथ को रोकने में कामयाब नहीं हो सकी हैं।

साल 2014 की तरह 2019 में कांग्रेस का प्रदर्शन औसत रहने की उम्मीद है। ऐसे में कांग्रेस के भीतर एक बड़ा उथल-पुथल हो सकता है।  राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ सकते हैं।

देखा जाये तो अनुमान अगर सच साबित होते हैं तो कांग्रेस के लिए एक और बड़ी खतरे की घंटी बज सकती है। मोदी सुनामी के बाद बीजेपी का पूरा फोकस पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्यप्रदेश की राज्य सरकारों के खिलाफ ऑपरेशन लोटस चलाने पर हो सकता है।  बंगाल में पीएम मोदी कह चुके हैं कि उनके संपर्क में टीएमसी के 40 विधायक हैं. जबकि कर्नाटक में बीजेपी दो बार ऑपरेशन लोटस चला चुकी है।

लेकिन अब तीसरी बार भी ऑपरेशन लोटस चलाकर बीजेपी वहां तख्तापलट करने की कोशिश कर सकती है।  जहां इसके अलावा मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर भी खतरे के बादल मंडरा सकते हैं। वहीं बीजेपी वहां भी सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है।

दरअसल एग्जिट पोल के अनुमान यही है कि नरेंद्र मोदी ना सिर्फ 2014 वाले अपने गढ़ बचाए हैं, बल्कि दूसरों के गढ़ में जाकर चुनावी स्ट्राइक कर दी है. अब बीजेपी की तैयारी आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर होगी।

केंद्र की सत्ता में प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा आने के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद होंगे और पूरे दमखम के साथ वह इन विधानसभा चुनावों में अपना पूरा जोर लगाएगी. दिल्ली, हरियाणा, जम्मू- कश्मीर, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे बड़े राज्यों में इस साल ही विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। जहां इन राज्यों में बीजेपी को मोदी सुनामी का फायदा मिलेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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