विश्‍व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था चीन में बढ़ा बैंकिंग संकट

अर्थव्‍यवस्‍थाबीजिंग।  विश्व की नंबर दो अर्थव्‍यवस्‍था चीन गंभीर ऋण संकट का शिकार हो रही है। केंद्रीय बैंक पर नजर रखने वाले वैश्विक वॉचडॉग ने यह चेतावनी जारी की है। इसके बाद से दुनिया की अर्थव्यवस्था में संकट की आशंका नए सिरे से बढ़ गई है।

बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) जिसे केंद्रीय बैंकों का केंद्रीय बैंक कहा जाता है, ने अपनी तिमाही रपट में कहा है कि चीन की ‘क्रेडिट टू जीडीपी गैप’ 30.1 के उच्चतम स्तर तक पहुंच चुकी है, जो बैंकिंग संकट 10 फीसदी के स्तर से काफी अधिक है। यह गेज क्रेडिट से जीडीपी के अनुपात को दीर्घकालिक रुझान से नापता है।

द गार्जियन की रपट में कहा गया है कि बीआईएस ने कहा है कि 10 से ऊपर के किसी भी स्तर का मतलब है कि अगले तीन सालों में संकट किसी भी वक्त आ सकता है। बीआईएस के द्वारा मूल्यांकन किए गए 43 देशों में चीन के बाद कनाडा का सूचक दूसरे सबसे उच्चस्तर पर 12.1 है।

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वैश्विक वित्तीय संकट के बाद चीन के आर्थिक विकास को मजबूत करने में ऋण की प्रमुख भूमिका रही है। लेकिन वहां की कॉरपोरेट, सरकार और घरेलू ऋण महज दो सालों में ही कंपनियों द्वारा भारी मात्रा में ऋण लिए जाने के कारण साल 2015 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 255 फीसदी तक पहुंच चुका है।

बीआईएस ने चीन को लाल निशान में रखा है। इस निशान का मतलब है कि इस देश में अगले तीन सालों में कभी भी गंभीर वित्तीय संकट आ सकता है।

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