चाणक्य नीति : सफलता पाने के लिए कैसा होना चाहिए काम करने का तरीका

चाणक्य नीति के छठे अध्याय के साैलहवें श्लोक में बताया गया है कि किसी भी काम में सफलता कैसे मिल सकती है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में उन बातों के बारे में बताया है जिनको ध्यान रखकर कोई भी इंसान सफल हो सकता है। चाणक्य ने सफलता के लिए शेर का उदाहरण देकर बताया है। चाणक्य ने बताया है कि किसी भी काम की शुरुआत कैसी होनी चाहिए और उस काम को करने का तरीका क्या होना चाहिए।

चाणक्य नीति

  • चाणक्य नीति का श्लोक

प्रभूतं कार्यमपि वा तत्परः प्रकर्तुमिच्छति।
सर्वारम्भेण तत्कार्यं सिंहादेकं प्रचक्षते।।15।।

चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया है कि किसी भी काम में सफलता हासिल करने के लिए, शेर की तरह उस काम को शुरू करना चाहिए। यानी पूरी ताकत से कोई भी काम शुरू करना चाहिए। सफलता पाने के लिए किसी भी काम में हर तरह की कोशिश करनी चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि काम चाहे छोटा हो या बड़ा हो, हमें पूरी ताकत लगाकर ही करना चाहिए। तभी हमारी कामयाबी पक्की हो जाती है।

शेर अपने शिकार पर पूरी शक्ति से झपटता है और शिकार को भागने का मौका नहीं देता। जिस तरह शिकार के मरने तक शेर जरा भी लापरवाही नहीं करता, वैसे ही जब तक काम पूरा न हो जाए तब तक हमें भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। काम में किसी प्रकार का ढीलापन हुआ तो कामयाबी हमसे दूर हो जाएगी। यही सफलता प्राप्त करने का मूलमंत्र है।

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