जप करने से चंद्रग्रहण में मिलेगा विशेष फल, भूल कर भी न करें ये काम

चंद्रग्रहणआज 12 साल बाद रक्षाबंधन के दिन खंडग्रास चंद्रग्रहण भी लगने वाला है. चंद्रग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक लग जाएगा. सूतक लगने के बाद कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाएगा. इसका प्रभाव अक्सर नकारात्मक होता है लेकिन इस दौरान किया गया जप बुरे प्रभाव को खत्म करने के साथ विशेष फलदायी होता है. चंद्रग्रहण के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता.

ग्रहण के समय भगवान का चिंतन, जप, ध्यान करने पर उसका लाख गुना फल मिलता.

ग्रहण के समय काम छोड़ कर मौन और जप करना लाभदायक होता है.

गर्भवती महिलाएं घर के अंदर ही रहें.

चंद्रग्रहण के वक्त न करें ये काम

ग्रहण के समय सोने से रोगों में बढ़ोतरी होती है.

ग्रहण के समय सम्भोग करने से सुअर की योनि मिलती है.

घर की चीज़ों में कुश, तुलसी के पत्ते अथवा तिल डाल देने चाहिए.

ग्रहण के समय रुद्राक्ष की माला धारण करने से पाप नाश हो जाते हैं.

ग्रहण के समय मूत्र त्याग नहीं करना चाहिए, दरिद्रता आती है.

ग्रहण के समय धोखाधड़ी और ठगाई करने से सर्पयोनि मिलती है.

ग्रहण के समय शौच नहीं जाना चाहिए, पेट में कृमि होने लगते हैं.

इसके अलावा ग्रहण के समय जीव-जंतु या किसी की हत्या हो जाए तो नारकीय योनि में जाना पड़ता है.

ग्रहण के समय भोजन व मालिश करने वाले को कुष्ठ हो जाता है.

ग्रहण के समय पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ने चाहिए.

स्कन्द पुराण के अनुसार ग्रहण के समय दूसरे का अन्न खाने से 12 साल का किया हुआ जप, तप, दान स्वाहा हो जाता है.

सूतक दोपहर 1.52 पर शुरू हो जाएंगे.

ग्रहण का समय रात्रि 10.33 से 12.48 बजे तक है.

यह खंडग्रास चन्द्रग्रहण पूरे भारत में दिखेगा.

 

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