घाघरा नदी के तांडव से सब कुछ खत्म पक्के मकान घाघरा नदी में लटके, भूख प्यास से तड़प रहे बच्चे

रिपोर्ट – सतीश कुमार कश्यप/बाराबंकी 

यूपी के बाराबंकी जिले से बहने वाली घाघरा नदी भले ही इनदिनों खतरे के निशान से नीचे हो लेकिन सिरौलीगौसपुर के तेलवानी और टेपरा गाँव में 20 साल बाद ऐसे हालात है की सबकुछ घाघरा नदी में समा जा रहा है.

घाघरा नदी से हो रही कटान से बाढ़ पीड़ितों का सबकुछ चला गया खेतों के कटने के बाद अब घर कट रहे हैं , लाखों की लागत से बने पक्के घर का कुछ हिस्सा घाघरा नदी में कट चुका हैं कुछ हिस्सा अभी घाघरा नदी में लटका हुआ हैं.

घाघरा नदी

लोग घर को छोड़कर जाना नही चाहते ये 20 साल बाद यहां ऐसा हुवा हैं जब से सरकार की तरफ से ड्रेजिंग का कार्य किया गया हैं  और जगह जगह बालू घाघरा नदी में पड़ी रही जिसके चलते घाघरा नदी की धारा मुड़ गयी.

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कटान से सबकुछ घाघरा नदी निगल रही हैं जिसके चलते लोग पेड़ को भी काटकर निकाल ले रहे है और मकान तोड़कर उसकी ईंट ,पीड़ितों का कहना हैं. इस बार प्रसासन की तरफ से कुछ भी नही किया गया खाने के लिए कोई खाद्यान्न नही हैं , भूख से बच्चे तड़प रहे है

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