घर से भाग कर लड़की ने की शादी, जेठ सहित दूसरे लोगों ने मिलकर माँ की करी डंडे-पाइप से पिटाई !…

हरियाणा में एक गांव है, जमालपुर. यहां सरोज अपनी तीन बेटियों और एक बेटे के साथ रहती हैं. इन लोगों को उनके परिवार के ही कुछ लोगों ने बुरी तरह मारा-पीटा. पाइप-डंडे से खूब मारा, जिससे उनके शरीर नीले पड़ गए.

क्या है पूरा मामला?

सरोज रानी की तीन बेटियां हैं. कोमल(18), नेहा(17) और अंजलि(14). एक 10 साल का बेटा है. उन्होंने बताया-

‘जेठ की लड़की है, मानसी (20). वो घर से भाग गई है. 14 मई की सुबह 8 बजे से वो घर में नहीं है. जेठ ने रात 11 बजे हमसे पूछताछ की. उनका नाम बनवारी लाल है. उन्होंने पहले मुझसे पूछा कि मानसी कहां है, वो सुबह 8 बजे से गई है, अभी तक नहीं आई.

तो क्या वो तुम लोगों को बता के गई है?  हमें जब पता हो तब तो बताते. मैंने मना कर दिया. उसके बाद उन्होंने मेरी तीनों बेटियों से पूछा. वो भी इसलिए कि मां छिपा रही होगी, तो बेटियां बता देंगी. पर उन्हें भी नहीं पता था. उसके बाद वो लोग चले गए.

मेरे जेठ को कोई बच्चा नहीं था. मैं पेट से थी, तो मेरे घरवाले ने कहा कि तू अपना पहला बच्चा इन्हें दे देना. चाहे लड़की हो या लड़का. मैंने भी कुछ नहीं बोला उस समय. डिलीवरी हुई, लड़की थी.

वो जब सवा महीने की हुई, हमने उसे जेठ को सौंप दिया. उसके बाद जेठ-जेठानी ने ही उसे पाला पोसा.  मानसी ने कभी भी हमें चाचा-चाची तक कहकर नहीं बोला.

कभी भी बात नहीं की. न ही जेठानी ने कभी की. हमने भी फिर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. बंटवारा हो गया तो हम ऊपर की मंजिल पर और जेठ नीचे ग्राउंड फ्लोर पर रहने लगे.

 

शपथ लेते ही शुरू हो गयीं जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाएं, अब तक 8 टेररिस्ट ढेर !

 

मानसी की पूरी पढ़ाई जबलपुर से हुई. उसके बाद वो कम्प्यूटर का कोई कोर्स कर रही थी. कोर्स पूरा होने में एक या दो दिन बाकी था, जब वो घर से भाग गई. उसके जाने की बात न तो मुझे पता थी और न ही मेरी बेटियों को.

इसके लिए 16 मई को दिन में पंचायत भी बैठी. उसमें में भी यही बातें उठीं. वहां भी हमने यही बात बोली… कि हमें नहीं पता.

फिर सब घर गए. 16 की रात को मेरे जेठ ने मेरी बेटियों को नीचे बुलाया. हम सब ऊपर ही थे. बेटी गई. उसके बाद जेठ ने मुझे भी बुलाया. मैं अपनी छोटी बेटी को लेकर नीचे पहुंचीं. रात के करीब 11 बज रहे थे.

मैं वहां गईं. मैंने देखा कि मेरी बेटियों को बुरी तरह पीटा गया है. नीचे के कमरे में जेठ के साथ मेरे ननद के दो लड़के और तीन पड़ोसी थे. उन सब ने मुझे भी बेरहमी से मारा-पीटा.

सबसे पहले जेठ ने मुझे डंडे से मारा और कहने लगे कि ‘फिर से डिश लगवाएगी, फिर से बंटवारा करवाएगी’. यही बात बार-बार दोहरा रहे थे. उसी बीच किसी ने बोला कि डंडे से मत मारो, नहीं तो हड्डी टूट जाएगी. तब उसने मुझे प्लास्टिक की पाइप से मारना शुरू किया. तीन बजे तक उन सबने हमें मारा और दो दिन तक कमरे में बंद करके रखा.’

सरोजरानी के भाई पप्पल से भी बात की. उन्होंने बताया कि उन्हें 18 मई को मालूम हुआ कि उनकी बहन और भांजियों के साथ मार-पिटाई की गई है.

‘पड़ोस के कुछ लोगों ने फोन करके बोला कि आ जाओ और अपनी बहन का इलाज करवा लो. इसके बाद मैं जमालपुर तो गया पर पंचायत के लोगों ने उन्हें ले जाने नहीं दिया. जिसके बाद मैं टोहाना गया, जो जमालपुर से 5 किलोमीटर दूर है.

पुलिस को पूरी बात बताई, FIR दर्ज करवाई. फिर पुलिस मेरे साथ जमालपुर आई. 19 मई को मेरी बहन और उसकी बेटियों को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया. 19 की ही रात को उस अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया. फिर वहां से सुबह छुट्टी दे दी गई.’

 

सरोज रानी ने बताया कि

‘मैं आंगनबाड़ी जाती हूं. उसी से घर खर्च निकलता है. मानसी कहां गई है, ये तो नहीं पता, लेकिन ऐसा सुना है कि वो हमसे नीची जाति के किसी लड़के के साथ गई है. पर जब मेरे जेठ मुझे मार रहे थे, तब उन्होंने मानसी का कोई जिक्र ही नहीं किया. हमें काफी चोट आईं हैं. पूरा शरीर नीला पड़ गया है.’

 

इस मामले में महिला अपराध शाखा की इंचार्ज शीला से बात की. उन्होंने कहा कि

‘पॉक्सो के तहत धारा दर्ज की गई हैं. कल ही मेरे पास इस केस की फाइल आई है. सबकी मेडिकल जांच करवाई गई है. अगर फ्रैक्चर निकलेगा तो आरोपियों पर और धाराएं लगाई जाएंगी.

जिससे केस और मजबूत होगा, और उन्हें गिरफ्तार भी किया जाएगा. हालांकि अंजलि, जो छोटी बेटी है, वो कह रही है कि उसके कान का पर्दा फट गया है. एक बार को मैं डॉक्टर से भी राय लूंगी. पूरा मामला जानूंगी. फिर देखती हूं कि क्या और एक्शन ले सकते हैं. कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी.’

 

LIVE TV